Ayodhya: रामनगरी अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है. श्रद्धालु जनवरी 2024 से अपने आराध्य के दर्शन पूजन कर सकेंगे. इसके साथ ही शहर में आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़ के मद्देनजर विभिन्न सुविधाओं पर भी काम किया जा रहा है.
देश विदेश से आने वाले लोगों को अयोध्या में रामलला के दिव्य दर्शन की अनुभूति होने के साथ अन्य सुविधाएं मिलें, इसके लिए कई नई योजनाओं को धरातल पर उतारने की तैयारी है. इसी कड़ी में अयोध्या आने वाले पर्यटकों को अब राम मंदिर के आसपास के भवनों पर रूफटॉप कैफेटेरिया का आनंद मिलेगा.
अयोध्या विकास प्राधिकरण इसको लेकर एक एजेंसी से अनुबंध करने जा रही है. बताया जा रहा है कि इसके बाद ऐसे भवनों का सर्वे किया जाएगा, जिनकी छत पर कैफेटेरिया खोला जा सकता है. मंडलायुक्त गौरव दयाल के मुताबिक, अयोध्या को उसकी पौराणिक गरिमा के अनुरूप सजाया जा रहा है. विकास योजनाओं का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है. वहीं मंदिरों के आसपास के क्षेत्रों को भी धार्मिक और पौराणिक गरिमा के मुताबिक संवारा जा रहा है.
Also Read: कूनो नेशनल पार्क में नौवें चीते की मौत का जिम्मेदार कौन? अखिलेश यादव बोले- भारत की छवि हो रही खराब
उन्होंने बताया कि अयोध्या विकास प्राधिकरण के पैनल के माध्यम से रूफटॉप कैफेटेरिया योजना की इजाजत आदि संबंधी जो भी प्रक्रियाएं होंगी उनको सरलीकरण किया जाएगा, जिससे इस संंबंध में प्रगति देखने को मिले.
कमिश्नर गौरव दयाल ने बताया कि राम मंदिर को जाने वाले जन्मभूमि पथ, भक्तिपथ के समीप स्थित घरों में रूफ टॉप कैफेटेरिया विकसित करने के लिए गृहस्वामियों को प्रेरित किया जाएगा. इसके लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण संबंधित एजेंसी के साथ अनुबंध कर आसपास के घरों का सर्वे कराएगा.
इसके बाद इच्छुक गृहस्वामियों को रूफ टॉप कैफेटेरिया बनाने के लिए जागरूक किया जाएगा. इन रूफ टॉप कैफेटेरिया के जरिए अयोध्या आने वाले श्रद्धालु श्रीराम मंदिर के विहंगम दृश्य देखने के साथ अन्य सुविधाओं का आनंद ले सकेंगे.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छह अगस्त को अयोध्या के दर्शन नगर और भरत कुंड रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण और उन्नयन कार्य की आधारशिला रखेंगे. सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि अमृत योजना के तहत रेल मंत्रालय ने दर्शन नगर और भरत कुंड रेलवे स्टेशन के विकास के लिए क्रमशः 20 करोड़ रुपए और 16 करोड़ रुपए जारी किए हैं.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी छह अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अमृत योजना के तहत चयनित लगभग दो दर्जन रेलवे स्टेशनों के नवीनीकरण का शिलान्यास करेंगे, जिनमें दर्शन नगर और भरत कुंड भी शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के को लेकर भी तैयारी शुरू कर दी गई है. कहा जा रहा है कि पूरा कार्यक्रम सात दिन का होगा, जिसके आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूजा अर्चना कर मंदिर को देशवासियों को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री प्राण प्रतिष्ठा के दिन अपना संक्षिप्त संबोधन भी देंगे.
इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, महंत नृत्य गोपाल दास और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वहां मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे. बताया जा रहा है कि 21 से 23 जनवरी के बीच अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा होना तय है. इसके लिए शुभ मुहूर्त की तीन तारीख निकालकर प्रधानमंत्री को भेजी गई हैं. अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री के समय की उपलब्धता के हिसाब से तय किया जाएगा.
अयोध्या में विकास परियोजनाओं की कड़ी में शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की भी तैयारी है. इसके लिए 40 मेगावाट की सोलर विद्युत उत्पादन परियोजना लगाई जाएगी. इसकी स्थापना सदर तहसील के ग्राम रामपुर हलवारा व सरायरासी में होगी. यहां की 165.10 एकड़ जमीन पर इस परियोजना की स्थापना की जाएगी. कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई है.
अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां के पार्को से लेकर रोड लाइट को भी पूरी तरह से सोलर आधारित बनाया जा रहा है. अयोध्या के विभिन्न मार्गों पर सोलर ई रिक्शा चलाने की योजना है. इसके लिए सोलर चार्जिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं. सोलर सिटी को लंबे समय तक दुरुस्त रखने के लिए यहां 40 मेगावाट की सोलर विद्युत उत्पादन परियोजना लगाई जाएगी. इसे करीब 160 करोड़ की लागत से एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लगाएगी.
विद्युत निकासी का व्यय राज्य सरकार वहन करेगी, जिस पर करीब नौ करोड़ रुपया खर्च होगा. परियोजना के लिए ग्राम रामपुर हलवारा और ग्राम सरायरासी में 165.10 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है. यह जमीन एक रुपया प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से अधिकतम 30 वर्ष के पट्टे पर एनटीपीसी को उपलब्ध कराया जाएगा.
परियोजना से उत्पादित ऊर्जा को टैरिफ प्लान के तहत पावर कॉरपोरेशन को बेचा जाएगा. इस परियोजना से हर वर्ष करीब 70.08 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा. इसे अयोध्या शहर में उपयोग किया जाएगा. इसी तरह सरयू नदी के निकट अनुपयोगी जमीन का प्रयोग भी उत्पादक कर सकेगा. इस परियोजना से स्थानीय स्तर पर भी तमाम लोगों को रोजगार मिलेगा.