रामपुर: सपा नेता आजम खान (Azam Khan) के लिए एक और राहत वाली खबर आई है. उन्हें डूंगरपुर बस्ती उजाड़ने के मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है. इसके अलावा तीन अन्य लोगों को भी साक्ष्य के आभाव में बरी किया गया है. आजम खान पर 2019 में डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने, वहां के लोगों के साथ मारपीट, छीना झपटी, छेड़खानी सहित 12 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं. चार मामलों में फैसला हो चुका है. दो मामले में आजम खान को बरी किया गया है.
बीजेपी सरकार आने पर दर्ज हुआ मुकदमा
जानकारी के अनुसार कोर्ट ने आजम खान (Azam Khan), फसाहत अली खान शानू, इमरान, इकराम, शावेज खान, ठेकेदार बरकत अली को भी कोर्ट साक्ष्य के आरोप में बरी किया गया है. गौरतलब है कि ये मामला 3 फरवरी 2016 का है. आरोप है कि पुलिस लाइन के पास कुछ लोगों के मकान बने हुए थे. जिसे सरकारी मकान बताकर तोड़ दिया गया था. इस पर 2019 में बीजेपी सरकार आने पर जेल रोड निवासी एहतेशाम ने मुकदमा दर्ज कराया था.
ये है मामला
एहतेशाम का आरोप है कि सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, बरेली के ठेकेदार बरकत अली, रामपुर के पूर्व पालिका अध्यक्ष अहमद खां पुलिस वालों के साथ उनके घर में घुस गए थे. उन्हें मारापीटा और घर से निकाल दिया. 25 हजार रुपये और एक मोबाइल फोन भी लूट लिया. इसकी शिकायत जब सपा सरकार में मंत्री आजम खां (Azam Khan) से की गई तो उनकी बात सुनने की जगह मारपीट कर भगा दिया गया. रामपुर एमपी एलएलए कोर्ट ने इस मामले में शनिवार को सुनवाई की थी. जिसमें पूर्व मंत्री आजम खां, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, बरेली के ठेकेदार बरकत अली, रामपुर के पूर्व पालिका अध्यक्ष अहमद खां को दोषी करार दिया गया. जबकि सपा नेता ओमेंद्र चौहान, फरमान और जिबरान को बरी कर दिया गया. कोर्ट ने लूट की धारा को हटा दिया है.
डूंगरपुर मामले में 12 मुकदमे
रामपुर की डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के मामले में 2019 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज हुए थे. इसमें सभी वादी बस्ती के लोग थे. डूंगरपुर से जुड़े एक मामले में आजम खां को पहले बरी कर दिया गया था. ये मुकदमा महिला रूबी ने लिखाया था. आजम खां (Azam Khan) वर्तमान में सीतापुर जेल में बंद हैं.