Lucknow: मो. आजम खान समाजवादी पार्टी से रूठे हुये हैं. वह सोमवार को बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ यूपी विधानसभा पहुंचे लेकिन विधायक पद की शपथ लेने के बाद वापस लौट गये. जबकि अब्दुल्ला आजम विधानसभा के बजट सत्र में शामिल हुये. आजम खान विधानसभा से निकलकर सपा कार्यालय भी नहीं गये, न ही वह मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे. हालांकि वह सपा कार्यकर्ता नाहिद लारी खान के पिता से जरूर मिले.
मो. आजम खान और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के बीच तल्खियां बढ़ती जा रही हैं. दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ कुछ बोल नहीं रहे हैं लेकिन जेल से रिहा होने के बाद आजम खान के बयान उनके मन के अंदर उठ रहे तूफान की संकेत दे रहे हैं. सोमवार को रामपुर से लखनऊ पहुंचने के बावजूद उन्होंने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी से दूरी बनाये रखी. इसी को देखते हुए सियासी पंडित यूपी में नई राजनीतिक उठा-पटक का आकलन कर रहे हैं.
जेल से जमानत मिलने के बाद मो. आजम खान एक-एक मूवमेंट पर राजनीति में दखल रखने वालों की नजर है. सोमवार को जब वह विधान भवन शपथ लेने के लिये पहुंचे तो अनुमान लगाया गया कि बजट सत्र में शामिल होंगे. लेकिन आजम ने सभी कयास को झुठला दिये. एक ट्वीट से पता चला कि वह सपा कार्यकर्ता नाहिद लारी खान के पिता से अपने आवास पर मिले थे.
नाहिद लारी खान ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी कि ‘आज सुबह मो. आज़म खान साहब से लखनऊ स्थित उनके आवास पर हमारे वालिद वरिष्ठ सपा नेता आज़म जी के पचास साल से पुराने राजनीतिक साथी मुशीर लारी साहब व मेरी मुलाकात हुई. जेल में हुई तकलीफ़ों व तमाम सियासी बातों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा 19 महीना इमरजेंसी में जेल में रहे, इतनी तकलीफ़ नहीं हुई.’
‘उनका दर्द सुन हम लोग सिहर उठे. वालिद साहब ने कहा कि राजनीतिक तौर से जेल हम लोग सैकड़ों बार रहे लेकिन ऐसा हृदयविदारक कष्ट कभी नहीं हुआ अत्यंत दुखद सत्ता में वो लोग हैं जो इमरजेंसी में जेल में बंद थे, उससे सीख न ले, अंग्रेज़ों द्वारा जेल में जो यातनाएं दी गई उस राह पर चला सत्ता पक्ष, लोकतंत्र व लोकतांत्रिक मर्यादाओं की हत्या इसे कहते हैं.’