Azam Khan: तंजीम फात्मा की जल्द होगी जेल से रिहाई, आजम खान और बेटे अब्दुल्ला को करना होगा इंतजार

आजम खान (Azam Khan) की पत्नी तंजीम फात्मा जल्द जेल से बाहर आ सकती हैं. अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद ये स्थिति बनी है.

By Amit Yadav | May 27, 2024 11:27 PM

लखनऊ: बेटे अब्दुल्ला आजम (Azam Khan) के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में तंजीम फात्मा की जल्द रिहाई होगी. हाईकोर्ट ने तंजीम फात्मा, आजम खान और अब्दुल्ला आजम को इस मामले में राहत दे दी है. लेकिन अभी आजम खान और अब्दुल्ला आजम की रिहाई नहीं हो पाएगी. जबकि तंजीम फात्मा की रिहाई के वकीलों ने हाईकोर्ट के आदेश को दाखिल कर दिया है.

18 अक्तूबर 2023 को सुनाई गई थी सजा
रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने 18 अक्तूबर 2023 को दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में आजम खान (Azam Khan), तंजीम फात्मा, अब्दुल्ला आजम को सात साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके बाद आजम खान को सीतापुर जेल, तंजीम फात्मा को रामपुर और अब्दुल्ला आजम को हरदोई जेल भेज दिया गया था. इस मामले में तीनों ने सेशन कोर्ट में अपील की, लेकिन उनकी याचिका को 23 जनवरी 2024 को खारिज कर दिया गया. इसके बाद तीनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 24 मई को उन्हें राहत मिल गई.

तंजीम फात्मा की जमानत दाखिल
सोमवार को कोर्ट के आदेश के बाद तंजीम फात्मा की रिहाई के लिए जमानत के कागजात जमा किए गए हैं. इनकी जांच होने के बाद उनकी रिहाई हो सकती है. डॉ. तंजीम ने 33 अन्य मुकदमों में भी जमानत दाखिल की है. गौरतलब है कि आजम खान(Azam Khan), तंजीम फात्मा और अब्दुल्ला आजम ने कई मामलों में अपनी जमानत तुड़वा ली थी. इसके चलते अब इन्हें पुराने मामलों में भी जमानत दाखिल करनी होगी. आजम खान को डूंगरपुर मामले में सात साल की सजा हुई है. वहीं मुरादाबाद के एक मामले में पिता-पुत्र को दो साल की सजा हुई है.

आकाश सक्सेना सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
उधर आजम खान (Azam Khan) की रिहाई के मामले में बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना, जो कि दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में वादी भी हैं सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि वो फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान और उनका परिवार सात महीने से जेल में है.

ये है मामला
अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला 2017 विधान सभा चुनाव का है. वो रामपुर की स्वार विधान सभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी थे और चुनाव जीते थे. यहां उनके विरोधी नवाब काजिम अली ने हाईकोर्ट में शिकायत की थी कि अब्दुल्ला आजम की शैक्षिक प्रमाण पत्रों में जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 है. जबकि जन्म प्रमाण पत्र में 30 सितंबर 1990 है. हाईकोर्ट ने जांच में अब्दुल्ला आजम का जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका नामांकन रद्दकर दिया था.

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