Azam Khan: आठ महीने बाद जेल से रिहा हुईं आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा

दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान (Azam Khan) और उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और अब्दुल्ला आजम को 7 साल की सजा हुई थी. हाईकोर्ट ने उनको इस मामले में जमानत दे दी है.

By Amit Yadav | May 29, 2024 11:35 PM

रामपुर: आजम खान (Azam Khan) की पत्नी डॉ. तंजीम फातिमा आठ महीने बाद रामपुर जेल से रिहा हो गई. बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में उन्हें सात साल की सजा हुई थी. हाईकोर्ट ने हाल ही में आजम खान, डॉ. तंजीम फात्मा और अब्दुल्ला आजम को जमानत दे दी थी. तंजीम फात्मा जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आ गई हैं. लेकिन आजम खान और अब्दुल्ला आजम कई अन्य मामलों में जमानत न मिलने के कारण अभी रिहा नहीं हो पाए हैं.

24 मई को मिली थी जमानत
रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट से 18 अक्तूबर 2023 को अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात साल की सजा हुई थी. डॉ. तंजीम फात्मा रामपुर जेल में 8 महीने से अधिक से समय से बंद थी. हाईकोर्ट ने 24 मई 2024 को जमानत मंजूर की थी. जेल से रिहा होने के बाद तंजीम फात्मा भावुक दिखीं. इस दौरान समर्थक व परिवार के लोग भी रामपुर जेल के बाहर मौजूद थे. आजम खान (Azam Khan) सीतापुर और अब्दुल्ला आजम कासगंज जेल में बंद हैं.

18 अक्तूबर 2023 को सुनाई गई थी सजा
रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने 18 अक्तूबर 2023 को दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में आजम खान, तंजीम फात्मा, अब्दुल्ला आजम को सात साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके बाद आजम खान को सीतापुर जेल, तंजीम फात्मा को रामपुर और अब्दुल्ला आजम को हरदोई जेल भेज दिया गया था. इस मामले में तीनों ने सेशन कोर्ट में अपील की, लेकिन उनकी याचिका को 23 जनवरी 2024 को खारिज कर दिया गया. इसके बाद तीनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 24 मई को उन्हें राहत मिल गई.

आकाश सक्सेना सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
उधर आजम खान की रिहाई के मामले में बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना, जो कि दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में वादी भी हैं सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि वो फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान और उनका परिवार सात महीने से जेल में है.

ये है मामला
अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला 2017 विधान सभा चुनाव का है. वो रामपुर की स्वार विधान सभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी थे और चुनाव जीते थे. यहां उनके विरोधी नवाब काजिम अली ने हाईकोर्ट में शिकायत की थी कि अब्दुल्ला आज की शैक्षिक प्रमाण पत्रों में जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 है. जबकि जन्म प्रमाण पत्र में 30 सितंबर 1990 है. हाईकोर्ट ने जांच में अब्दुल्ला आजम का जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका नामांकन रद्दकर दिया था.

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