4 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावण मास के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. सावन के महीने में करोड़ों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए बनारस आते हैं. ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन लगातार नियमों में बदलाव करता रहता है. हर साल की तरह इस बार भी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन ने सुगम दर्शन के साथ-साथ अन्य प्रकार की पूजा के लिए ली जाने वाली राशि में बढ़ोतरी कर दी है. शुल्क बढ़ाने के पीछे मंदिर प्रशासन का अपना तर्क है, लेकिन इस बार भक्तों के लिए बाबा दर्शन महंगा हो गया है.
मंदिर प्रशासन ने शनिवार को बढ़ी दरों की सूची जारी कर दी है. सुगम दर्शन के साथ ही इस बार मंगला आरती की दरों में करीब पचास फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. नई रेट लिस्ट के अनुसार सुगम दर्शन के लिए अब 300 की जगह 500 रुपये देने होंगे. मंगला आरती के लिए 500 की जगह 1000 हजार रुपये लगेगा. मंदिर के सीईओ सुनील कुमार वर्मा के अनुसार सावन के आठों सोमवार को रेट ज्यादा होगा. सोमवार को सुगम दर्शन के लिए 750 और मंगला आरती के लिए 2000 रुपये देने पड़ेंगे. मध्याह्न आरती भोग, सप्तर्षि आरती, रात्रि शृंगार आरती के लिए पूरे 500 रुपये देने होंगे. बता दें कि यह रेट सिर्फ सावन के लिए है. अन्य दिनों में रेट 300 रुपये है. रुद्राभिषेक के रेट की बात करें तो एक शास्त्री से रुद्राभिषेक कराने के लिए 700 रुपये और 5 शास्त्रियों से रुद्राभिषेक के लिए 2100 रुपये देने होंगे. संन्यासी भोग के लिए सोमवार को 7500 रुपये लगेंगे. अन्य दिनों में 4500 रुपये देने पड़ेंगे. सुगम दर्शन का शुल्क देने के बाद भक्तों को लाइन में नहीं खड़े रहने की जरूरत नहीं पड़ती साथ ही दर्शन के बाद उन्हें प्रसाद का बॉक्स भी दिया जाता है.
मंदिर प्रशासन के सीईओ सुनील वर्मा के अनुसार पिछले साल सावन में 1.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए थे. इस बार भी सावन में करोड़ों श्रद्धालु आएंगे. इतनी बड़ी संख्या को संगठित करने के लिए एक समय में बहुत सारे संसाधनों का उपयोग करना पड़ता है, इसलिए सावन के महीने में सशुल्क सेवाओं में किराया बढ़ा दिया गया है. सावन खत्म होने के बाद सामान्य दिनों की तरह ही दर्शन शुल्क लिया जाएगा. इसके साथ ही पूरे श्रावण माह में बाबा विश्वनाथ का दस शृंगार भी होगा. 10 जुलाई सावन के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा का शृंगार, दूसरे सोमवार 17 जुलाई को गौरी-शंकर का, तीसरे सोमवार को अमृत वर्षा शृंगार, चौथे को भागीरथी शृंगार और मासिक पूर्णिमा शृंगार होगा. 5वें सोमवार को तपस्यारत पार्वती शृंगार, छठें सोमवार को शंकर पार्वती गणेश शृंगार, 7वें सोमवार को अर्धनारीश्वर, 8वें सोमवार (28 अगस्त) को रुद्राक्ष व 31 अगस्त को वार्षिक झूला शृंगार किया जाएगा.
इस बार सावन में शिव भक्तों को काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचाने के लिए अस्सी और नमो घाट का ‘वाटर वे’ खुल सकता है. भक्त यहां से 15-20 मिनट में विश्वनाथ धाम पहुंच सकेंगे. सावन से पहले इन रूटों पर डीजल इंजन वाली वाटर टैक्सी की भी शुरुआत की जा सकती है.