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Bada Mangal 2023: बड़ा मंगल कब है? जानिए बुढ़वा मंगल डेट, महत्व, भोग और पूजा विधि

Bada Mangal 2023: हिंदू धर्म में बड़ा मंगलवार का विशेष महत्व है. बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है. उत्तर प्रदेश में बड़ा मंगल बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. खासकर राजधानी लखनऊ में. आइए जानते हैं इस साल 2023 में बड़ा मंगल कब है. डेट, महत्व, भोग और पूजा विधि.

Bada Mangal 2023: हिंदू धर्म में बड़ा मंगलवार का विशेष महत्व है. यह ज्येष्ठ माह में पड़ता है. बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal) भी कहा जाता है. उत्तर प्रदेश में बड़ा मंगल बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. खासकर राजधानी लखनऊ में. आइए जानते हैं इस साल 2023 में बड़ा मंगल कब है. डेट, महत्व, भोग और पूजा विधि

बड़ा मंगल 2023 कब है

हिंदू धर्म में साल में चार मंगलवार ऐसे हैं जिसका खास महत्व है. इनमें से एक है बड़ा मंगल. इस दिन जो भी हनुमान भक्त सच्चे दिल से अपने आराध्य देव को पूजते हैं उनपर बजरंगबली की कृपा हमेशा रहती है. इस साल 2023 (Bada Mangal 2023 Date) में पहला बड़ा मंगलवार 9 मई 2023 से शुरू है. इसके बाद दूसरा बड़ा मंगल 16 मई 2023, तीसरा बड़ा मंगल 23 मई, और चौथा बड़ा मंगल 30 मई 2023 को है.

बड़ा मंगल महत्व (Bada Mangal Mahatv)

ज्येष्ठ माह के बड़ा मंगल का सनातन धर्म में खास महत्व बताया गया है. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार बड़ा मंगलवार महाभारत और रामायण से जुड़ा हुआ हुआ. इस दिन हनुमान जी को लाल या फिर नारंगी रंग के चोला चढ़ाने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इतना ही नहीं अगर आप आर्थिक, मानसिक और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति पाना चाहते हैं तो बड़ा मंगलवार को लंगर जरूर कराए. ऐसा करने से आपको सभी दुखों से मुक्ति मिल जाएगी.

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बड़ा मंगल पूजा विधि और भोग

वैसे तो बड़ा मंगल लखनऊ में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है. जगह-जगह पर यहां लंगर लगते हैं. ज्येष्ठ माह शुरू होते ही राजधानी में हर रोज कहीं न कहीं लंगर जरुर लगते है. इस साल बड़ा मंगल अगले महीन 9 मई 2023 से शुरू हो रहा है. ऐसे में हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त अपने-अपने अनुसार पूजा करते हैं. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार बड़ा मंगल के दिन सूर्य निकलने से पहले ऊठकर स्नान कर लें और साफ कपड़ा पहन लें. इसके बाद हनुमान जी की प्रतिमा को गंगा जल से साफ कर लें. फिर पूजा स्थान पर लाल फूल, अक्षत, धूप, दीप, चंदन और लाल या फिर नारंगी लंगोट चढ़ाएं. हनुमान जी को मोतीचूर का लड्डू या फिर बूंदी का ही भोग लगाएं.

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