Lucknow News: यूपी में कुख्यात अपराधी माफिया बदन सिंह बद्दो को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. लखनऊ में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट परिसर में 7 जून, 2023 को पुलिस अभिरक्षा में माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की सनसनीखेज हत्या में बदन सिंह बद्दो का नाम सामने आया है.
यूपी के मोस्ट वांटेड बदमाश पांच लाख के इनामी बदन सिंह बद्दो ने गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या की साजिश रची थी. वर्चस्व की लड़ाई में बद्दो ने 50 लाख रुपए की सुपारी देकर जीवा को मौत के घाट उतरवाया था. ये सनसनीखेज खुलासा हत्याकांड के केस की दाखिल की गई चार्जशीट से हुआ है.
चार्जशीट के मुताबिक बद्दो ने हत्या के लिए पूरा जाल बिछाया था. उसके गुर्गों ने शूटर विजय यादव को खोजकर सुपारी दी थी. बद्दो को केस में साजिश रचने का आरोपी बनाया गया है. इस मामले में छह सितंबर को सीजेएम कोर्ट में सुनवाई होगी.
लखनऊ में विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कोर्ट परिसर में 7 जून, 2023 को पुलिस अभिरक्षा में माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की सनसनीखेज हत्या आपसी रंजिश में हुई थी. अब सामने आया है कि फरार चल रहे पांच लाख रुपए के इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो ने पचास लाख की सुपारी तय कर शूटर विजय यादव से संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या कराई थी. जीवा की हत्या के मामले में गठित तीन सदस्यीय एसआईटी की देखरेख में की जा रही विवेचना में इसका खुलासा हुआ है.
लखनऊ पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में शूटर विजय यादव के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल कर दिया है. एसआईटी अध्यक्ष एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने बताया कि बदन सिंह बद्दो को संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के मामले में आपराधिक षड्यंत्र का आरोपी बनाया गया है. कई बिंदुओं पर हत्या की विवेचना जारी है.
इस सनसनीखेज हत्याकांड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर घटना के कुछ घंटों के बाद एसआइटी गठित की गई थी, जिसमें पुलिस उपायुक्त (अपराध), लखनऊ कमिश्नरेट व आइजी अयोध्या रेंज बतौर सदस्य शामिल हैं. एसआईटी को हत्यकांड को लेकर कचहरी परिसर में सुरक्षा प्रबंधों में चूक से लेकर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के विभिन्न पहलुओं पर गहनता से पड़ताल करने का जिम्मा सौंपा गया है. माना जा रहा है कि एसआईटी कचहरी परिसर में सुरक्षा को लेकर अपनी रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंप सकती है. बद्दो 28 मार्च, 2019 से फरार है. मई 2023 में ही उस पर इनाम की धनराशि ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख की जा चुकी है.
कहा जा रहा है कि संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ने उसकी हत्या से लगभग 15 दिन पूर्व कोर्ट में एक अर्जी दी थी, जिसमें उसने लखनऊ कोर्ट में चल रहे मुकदमे में पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के बजाय भौतिक रूप से कराए जाने की अपील की थी. वह पांच जून, 2023 को भी लखनऊ कोर्ट में पेशी पर आया था. उस दौरान भी जीवा ने पेशी पर उसे कोर्ट में बुलाए जाने की बात पर जोर दिया था.
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा इसके बाद सात जून, 2023 को पेशी पर आया था, जहां उसकी विजय यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. जांच में यह भी सामने आया कि जीवा ने गर्मी की वजह से बुलेटप्रूफ जैकेट पहनने और हेलमेट लगाने से इनकार कर दिया था. एसआईटी को एक वीडियो फुटेज मिली है, जिसमें पुलिस वैन में बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट सीट पर रखे दिख रहे हैं.
इसके साथ ही जीवा ने बदन सिंह बद्दो से अपनी जान का खतरा भी जताया था. एसआईटी को जीवा के वकील के पास से एक प्रार्थनापत्र मिला है, जिसमें उसने मुजफ्फरनगर के जज से उसकी पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये ही कराए जाने की मांग की थी. यह भी सामने आया है कि जीवा ने वर्ष 2003 में उत्तराखंड के हरिद्वार में बद्दो के एक करीबी की हत्या कर दी थी. इसके बाद से ही बदन सिंह बद्दो और जीवा के बीच अदावत गहरी हो गई. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने दबदबे को लेकर भी जीवा और बद्दो एक दूसरे के धुर विरोधी थे.
बताया जा रहा है कि संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का हत्यारा विजय यादव जौनपुर जनपद के केराकत के सुलतानपुर गांव का रहने वाला है. विजय यादव ने पूछताछ में नेपाल में बद्दो से मुलाकात होने की बात कबूल की है. दोनों के बीच वहीं 50 लाख रुपए में जीवा की हत्या करने की डील हुई थी. विजय के अनुसार बद्दो ने यह रकम वारदात के बाद उसके परिजन को पहुंचाने और उसे बचाने के लिए पूरी पैरवी करने का वादा किया था. हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि बद्दो ने उसे कितनी रकम एडवांस दी थी. एसआईटी की एक टीम नेपाल जाने की भी तैयारी में है.
जांच पड़ताल में सामने आया है कि शूटर विजय यादव को हत्या में प्रयुक्त विदेशी रिवाल्वर बदन सिंह बद्दो के गुर्गों ने लखनऊ में ही उपलब्ध कराई थी. उसे संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की तस्वीर भी दिखाई थी. वीडियो फुटेज में कचहरी में कुछ संदिग्ध भी नजर आए हैं, जिन्हें शूटर का मददगार माना जा रहा है.
इन सबके बीच पुलिस को जीवा की हत्या के मामले में अभी शूटर के बयानों के अलावा कई साक्ष्य भी तलाशने होंगे. नेपाल में हुई डील से लेकर कचहरी में उसके मददगारों तक पहुंचने के लिए पुलिस को बदन सिंह बद्दो को भी तलाशना होगा. पूरा खुलासा बदन सिंह बद्दों के पकड़े जाने के बाद ही होगा.
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा 2019 से लखनऊ जेल में बंद था. सात जून को उसकी एससी-एसटी कोर्ट में पेशी थी. जब वह कोर्ट रूम में पहुंचा था, तभी वकील के ड्रेस में आए शूटर ने जीवा पर रिवॉल्वर की छह की छह गोलियां दाग दी थीं. हमले में जीवा की मौके पर मौत हो गई थी. वहां मौजूद एक बच्ची व दो पुलिसकर्मियों को भी गोली लगी थी, जो इलाज के बाद स्वस्थ हो गए थे. मौके से जौनपुर निवासी शूटर विजय यादव पकड़ा गया था. पुलिस ने उस पर हत्या व अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेजा था. केस की विवेचना एसआईटी के निगरानी में की गई.
अहम बात है कि जब विजय पकड़ा गया था, तब उससे पुलिस ने पूछताछ की थी. उसने बताया था कि नेपाल में असलम नाम के शख्स ने उसको संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या की सुपारी दी थी. उसने बताया था कि असलम ने कहा था कि उसका भाई लखनऊ जेल में बंद है, जीवा ने उसकी दाढ़ी नोचकर बेइज्जती की है, उसी का बदला लेना है. अब इस कहानी का झूठ बेनकाब हुआ है. पुलिस ने अब केस में बदन सिंह बद्दो के साथ असलम और एक अज्ञात को आरोपी बनाया है.