बाहुबली अतीक अहमद को उम्रकैद मिलने के बाद पहुंचा साबरमती जेल, कैदी नंबर हुआ अलॉट, जाने और क्या हुआ बदलाव

उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा के बाद बाहुबली अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश की पुलिस का काफिला सलामती के साथ गुजरात के साबरमती जेल पहुंच गया. अतीक अहमद को फिलहाल क्वारंटाइन कर दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2023 4:12 PM

उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा के बाद बाहुबली अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश की पुलिस का काफिला सलामती के साथ गुजरात के साबरमती जेल पहुंच गया. अतीक अहमद को फिलहाल क्वारंटाइन कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रयागराज से वापसी के बाद से अतीक की तबियत ठीक नहीं है. इसको देखते हुए जेल प्रशासन ने उसकी निगरानी बढ़ दी है. अतीक 29 मार्च की देर शाम जब साबरमती जेल पहुंचा तो उसको चक्कर आने लगा, जिसके बाद उसके स्वास्थ्य की जांच की गई. बेहोशी जैसी स्थिति बनने पर उसे क्वारंटीन कर दिया गया. जेल प्रशासन के अनुसार अतीक का कोरोना आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाएगा. टेस्ट नेगेटिव आने पर अतीक को सीधे अत्यधिक सुरक्षित जेल में ट्रांसफर किया जाएगा, हालांकि जेल प्रशासन ने उसे कैदी नंबर अलॉट कर दिया है.

जेल में अतीक की पहचान कैदी नंबर 17052 के रूप में होगी

अभी तक माफिया अतीक अहमद साबरमती जेल की नई जेल में रह रहा था, लेकिन उमेश पाल अपहरण मामलें में उम्रकैद की सजा के बाद उसे पुरानी जेल में शिफ्ट किया जाएगा. इसके अलावा उसका स्टेट्स अब अंडर ट्रायल से साजयाफ्ता कैदी का हो चुका है. ऐसे में उसके ऊपर नए नियम लागू होंगे. अतीक को कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने और उसकी तबियत ठीक होने के बाद उसे बैरक में शिफ्ट किया जाएगा. उम्रकैद की सजा के बाद अतीक की जेल में पहचान एक नंबर से होगी और वह नंबर 17052 है. जेल प्रशासन ने उसे पहचान नंबर दे दिया है. अतीक को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों की पहले से शिकायत है. इसके चलते वहां काफी मात्रा में दवाईयां लेता है.

जाने और क्या क्या सुविधाओं में होगा बदलाव

माफिया से राजनीति में गए अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा के बाद अब जेल के कपड़े पहनने होंगे. उसके कपड़े दूसरे कैदियों की तरह होंगे, पहले अपने मन के कपड़े पहनता था. अतीक को जल्द ही जेल की तरफ से यूनिफॉर्म भी दी जाएगी, जो सफेद रंग का होगा. अभी तक अतीक अहमद का खाना जेल के बाहर से आता था, क्योंकि वह अंडर ट्रायल कैदी था, लेकिन अब उसे जेल का खाना पड़ेगा. आने वाले दिनों में जेल प्रशासन की तरफ से उसे कोई काम भी दिया जाएगा. जेल प्रशासन इसके लिए उसकी कार्यक्षमता को जांच कर रहा है. उसी हिसाब के काम को उसे दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आर्डर और निर्देश के चलते उसे अत्यधिक सुरक्षित बैरक में रखा जाएगा, लेकिन उस दूसरे सजायाफ्ता कैदियों के नियम लागू रहेंगे.

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