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बेड एंड ब्रेकफास्ट और होम स्टे योजना: यूपी के गांव में रात बिताकर ग्रामीण जीवन शैली और संस्कृति का उठाए लुत्फ

उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य होने के कारण यहां के पर्यटन क्षेत्रों में काफी विविधता है और इसी तरह यहां की ग्रामीण संस्कृति और खान-पान भी अलग अलग है. ऐसे में 'बेड एंड ब्रेकफास्ट और होम स्टे योजना' के जरिए ग्रामीण पर्यटन के तहत पर्यटक अलग अलग संस्कृति से परिचित हो सकेंगे.

Lucknow News: यूपी में पर्यटन (Tourism Department) का दायरा बढ़ाने और देश विदेश से पर्यटकों को यहां आने के लिए आकर्षित करने के मकसद से योगी सरकार ने ‘बेड एंड ब्रेकफास्ट और होम स्टे योजना’ (Bed and Breakfast and Home Stay Scheme) शुरू की है. इस योजना के जरिए पर्यटक यूपी के गांवों की सैर कर सकेंगे. उन्हें न सिर्फ ग्रामीण परिवेश और यहां की संस्कृति को समझने और इससे जुड़ने का मौका मिलेगा, बल्कि वे गांवों में ठहरकर यहां के खान-पान का भी आनंद ले सकेंगे. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) एक बड़ा राज्य होने के कारण यहां के पर्यटन क्षेत्रों में काफी विविधता है और इसी तरह यहां की ग्रामीण संस्कृति और खान-पान भी अलग अलग है. ऐसे में ग्रामीण पर्यटन के तहत पर्यटक अलग अलग संस्कृति से परिचित हो सकेंगे.

ग्रामीण संस्कृति और जीवनशैली से रूबरू होंगे पर्यटक

प्रदेश सरकार के मुताबिक ग्रामीण संस्कृति को करीब से जानने, पर्यटकों को गांव तक ले जाने के लिए सुविधायें विकसित करने का निर्णय किया गया है. योजना के तहत पर्यटक गांव में रुककर वहां की संस्कृति और जीवनशैली से रूबरू होंगे. इससे गांव वालों को आय के साधन भी प्राप्त होंगे. इन तमाम बिंदुओं के मद्देनजर गांव में आने वाले पर्यटकों को धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन से जोड़ने के लिए कई पर्यटन स्थलों का विकास कराया जा रहा है. साथ ही पर्यटकों को ठहरने आदि की समस्या के समाधान के लिए होम-स्टे एवं रूरल पर्यटन पर फोकस किया जा रहा है.

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गांव के चिह्नित मकान में ठहर सकते हैं पर्यटक

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि गांव में आने वाला पर्यटक एक निश्चित राशि का भुगतान कर गांव के चिह्नित मकान में ठहर सकता है. इसके लिए पर्यटन विभाग ने गांवों को चिह्नित किया है. इसके लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पर्यटकों को बेड एवं ब्रेकफास्ट होम स्टे योजना के तहत आवेदन करना होगा.

गोल्ड और सिल्वर दो श्रेणी में बांटा गए हैं मकान

जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार पर्यटन के क्षेत्र में बहुत तेजी से कार्य कर रही है. इसका मुख्य उद्देश्य होम स्टे के माध्यम से बड़ी आबादी को रोजगार मुहैया कराना है. पर्यटक इस योजना के तहत गांव के लोगों के रहन सहन, जीवन शैली, खान-पान तथा मान्यताएं एवं प्रथाओं आदि के बारे में जान सकेंगे. होम स्टे के लिए चिह्नित मकानों को गोल्ड और सिल्वर दो श्रेणी में बांटा गया है. योजना के तहत कम से कम एक रूम और अधिक से अधिक छह रूम दिये जा सकते हैं. मैदानी इलाके में 120 स्क्वायर फीट तथा पहाड़ी इलाके में 100 स्क्वायर फीट का रूम होना चाहिए. इसके अलावा अन्य जानकारी के लिए वेबसाइट पर पता किया जा सकता है.

रूरल एग्री टूरिज्म पर फोकस कर रही सरकार

पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यटन विभाग का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश के पर्यटकों की पहली पसंद बने. इसलिए रूरल एग्री टूरिज्म पर कार्य किया जा रहा है. इसके साथ ही पर्यटकों की सुविधाओं पर विशेष फोकस किया जा रहा है. बेड एंड ब्रेकफास्ट और होम स्टे योजना से पर्यटकों को आसानी से आवास की सुविधा उपलब्ध होगी. साथ ही ग्रामीण जीवन का आनन्द भी प्राप्त होगा.

बेड एंड ब्रेकफास्ट और होम स्टे योजना के अहम बिंदु

  • योजना का उद्देश्य होम स्टे के जरिए बड़ी आबादी को रोजगार मुहैया कराना है.

  • भुगतान कर गांव के चिह्नित मकान में ठहर सकते हैं पर्यटक.

  • पर्यटन विभाग की वेबसाइट के जरिए कर सकते हैं आवेदन.

  • गांव के रहन सहन, जीवन शैली, खान-पान तथा मान्यताओं के बारे में जान सकेंगे पर्यटक.

  • होम स्टे के लिए चिह्नित मकानों को गोल्ड और सिल्वर दो श्रेणी में बांटा गया है.

  • कम से कम एक रूम और अधिक से अधिक छह रूम दिये जा सकते हैं.

  • मैदानी इलाके में 120 स्क्वायर फीट तथा पहाड़ी इलाके में 100 स्क्वायर फीट का रूम होना चाहिए.

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