उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वायु सेना स्टेशन हिंडन में आयोजित भारत ड्रोन शक्ति 2023 के दौरान विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ड्रोन की विशेषताओं से अवगत कराया. इसका दो दिवसीय प्रदर्शनी का समापन मंगलवार को हुआ, जिसमें देशभर से 75 से अधिक ड्रोन स्टार्ट-अप शामिल हुए. इन सभी ड्रोन की खासियत है कि इन्हें विभिन्न सैन्य और नागरिक क्षेत्र में इस्तेमाल के लिए तैनात किया जा जा सकता है.
ऐसा भी ड्रोन प्रदर्शित किया गया है जो 24 घंटे उड़ सकता है. इसमें तार के जरिए पावर पहुंचाया जा सकता है. इसलिए बैट्री खत्म होने का कोई झंझट नहीं होगा. कंपनी ने नैनो ड्रोन भी बनाया है, जो घर के अंदर उड़ाया जा सकता है. इसका इस्तेमाल किसी घर पर छिपे आंतकियों के खात्म के लिए किया जा सकता है. नैनो ड्रोन भेजकर पहले यह पता लगाया जा सकता है कि आतंकी कितनी संख्या में है, किस लोकेशन में छिपे हैं. इसके बाद ऑपरेशन किया जा सकता है.
इस कार्यक्रम में 100 किलोग्राम वजन उठाने वाले ड्रोन का प्रदर्शन किया गया है. इसका खुद का वजन 80 किलोग्राम के करीब है. दिसंबर तक इससे भी भारी ड्रोन बनकर तैयार हो जाएगा. यह 150 किलोग्राम वजह उठा सकेगा.इस तरह इससे बाढ़, आग या अन्य आपदा की स्थितियों में फंसे लोगों को भी सुरक्षित निकाला जा सकेगा. खास बात है कि यह पहली बार होगा कि आपदा से लोगों को ड्रोन के जरिए बाहर निकाला जा सकेगा. ड्रोन 50000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकेगा.
ड्रोन शो के दौरान लड़ाई के आधुनिक अंदाज को देखकर लोग दंग रह गए. इस दौरान दिखाया गया कि कैसे आसमान में उड़ता ड्रोन जमीन पर छिपे आतंकी का पता लगा सकता है. फिर ड्रोन से बम गिराकर देश के दुश्मन का ठिकाना तबाह करने का नमूना पेश किया गया. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से खुद ब खुद काम करते हुए ड्रोन ने पलभर में दुश्मन के अरमानों पर पानी फेर दिया.
ड्रोन शो के दौरान थर्मल कैमरे से लैस आग बुझाने वाले अग्निशमन ड्रोन, घुसपैठियों को मार गिराने में सक्षम आइडिया ड्रोन, दुश्मन का पता लगाने (रेकी) वाले स्वाम ड्रोन, 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पांच किलो ग्रामतक भार ले जा सकने वाले ईगम ड्रोन की काफी प्रशंसा की गई.
भारत ड्रोन शक्ति 2023 के उद्घाटन मौके पर पहले C-295 एमडब्ल्यू परिवहन विमान को औपचारिक रूप से आईएएफ में शामिल किया गया. इस समारोह में ‘सर्व धर्म पूजा’ और विमान की क्षमताओं पर संक्षिप्त जानकारी देना शामिल था. बिना तैयार लैंडिंग ग्राउंड से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम यह मध्यम लिफ्ट सामरिक विमान एचएस-748 एवरो विमान की जगह लेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि C-295 के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की मध्यम लिफ्ट सामरिक क्षमता में इजाफा होगा. उन्होंने आने वाले वर्षों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों को दो महत्वपूर्ण स्तंभ बताया.
कुल 56 अनुबंधित विमानों में से पहले 16 विमानों को भारतीय वायुसेना को उड़ने (फ्लाई-अवे) की स्थिति में मुहैया कराया जाएगा, शेष 40 विमानों का निर्माण भारत में वडोदरा स्थित टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड में किया जाएगा. इस विमान से सुसज्जित पहला आईएएफ स्क्वाड्रन 11 स्क्वाड्रन (द राइनोस) भी वडोदरा में स्थित है.
C-295 विमान को शामिल किए जाने के बाद एवरो-748 विमान को धीरे-धीरे अलविदा कह देगी. 70 के दशक के इस विमान की जगह अत्याधुनिक C-295 विमान से भारत की रक्षा प्रणाली बेहतर बनेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि सी295 एक झटके में भारत को वहां लाकर खड़ा कर देगा, जहां से विमान निर्माण की पूरी स्वदेशी क्षमता भी संभव होगी.
इस कार्यक्रम में नागरिक उड्डयन और सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वीके सिंह (सेवानिवृत्त), वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी, मित्र देशों के रक्षा अधिकारी और भारतीय उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.