UP Election 2022: सपा और भीम आर्मी के बीच गठबंधन? चंद्रशेखर आजाद और अखिलेश यादव की मुलाकात से बढ़े कयास

चुनाव में गठबंधन के मसले पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है. इसके पहले अखिलेश यादव ने आरएलडी और सुभासपा के साथ अन्य कई दलों से गठबंधन की घोषणा की.

By Prabhat Khabar News Desk | November 28, 2021 2:35 PM

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी गठबंधन कर रही है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव छोटी-बड़ी पार्टियों से गठबंधन कर रहे हैं. इसी बीच भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने अखिलेश यादव से मुलाकात की है. माना जा रहा है कि चुनाव में गठबंधन के मसले पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है. इसके पहले अखिलेश यादव ने आरएलडी और सुभासपा के साथ अन्य कई दलों से गठबंधन की घोषणा की. सपा ने हर दल के लिए दरवाजे खोले हैं.

चंद्रशेखर और अखिलेश यादव की मुलाकात पर कयास जारी है. चंद्रशेखर आजाद दलितों के युवा नेता के रूप में पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं. वो कई मौकों पर कह चुके हैं उत्तर प्रदेश में अगली सरकार उनकी वजह से बनेगी. भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया है. माना जा रहा है कि वो अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना चाहते हैं. अभी भीम आर्मी और समाजवादी पार्टी में सीट शेयरिंग का ऐलान नहीं हुआ है.

अगर उत्तर प्रदेश के दलित समुदाय की बात करें तो उनका प्रतिशत 22 है. सूबे की 403 में से 85 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं. इस पर सभी दल दावा करते हैं. खुद बसपा चीफ मायावती ने पिछले दिनों लखनऊ में दलित विधानसभा सीटों के प्रभारियों के साथ बैठक की थी. मायावती का वोटबैंक गिरता रहा है. वहीं, चंद्रशेखर 22 प्रतिशत दलित आबादी पर फोकस कर रहे हैं. चंद्रेशखर और मायावती दोनों जाटव समुदाय के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आते हैं. लिहाजा, दोनों पार्टियों ने दलित वोटबैंक के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की दलित बहुल सीटों पर चुनावी ध्यान केंद्रित करना शुरू किया है.

यूपी चुनाव में जीत के इरादे और दावे से उतरी सपा ने एक दर्जन सियासी दलों से गठबंधन किया है. इनमें छोटे से लेकर बड़े दल शामिल हैं. सुभासपा और अखिलेश यादव यूपी में बदलाव का सबसे बड़ा दांव खेल रहे हैं. इसके अलावा दूसरे छोटे दलों से भी अखिलेश यादव वोट बैंक की सियासत को देखते हुए गठबंधन फाइनल कर चुके हैं. इनमें कई क्षेत्रीय पार्टियां भी शामिल हैं. बड़ी बात यह है कि बहुजन समाज पार्टी के कई बागी नेताओं का भी समाजवादी पार्टी में आगमन हो चुका है. जबकि, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच भी गठबंधन और सीट शेयरिंग की बात हो रही है.

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