Lucknow: यूपी में एक बार फिर चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. इस बार विधान परिषद की 36 सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. यह चुनाव इस मायने में महत्वपूर्ण है कि बीजेपी की यूपी में 2022 में शुरू हुई दूसरी पारी में उच्च सदन में बहुमत मिलने की पूरी संभावना है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस लक्ष्य को पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.
स्थानीय निकाय चुनाव में आमतौन पर सत्ता पक्ष का ही बोलबाला रहता है. यूपी में इससे पहले हुए चुनावों पर नजर डालें तो पता चलता है कि जो पार्टी सत्ता में रहती है, वहीं इस चुनाव में सफलता पाती है. 2004 में यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को 36 में से 24 सीटों पर सफलता मिली थी. इसके बाद 2010 में यूपी में बसपा की सरकार थी. मायावती के नेतृत्व में बसपा ने 36 में से 34 सीटों पर कब्जा किया था.
यूपी में 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. इस दौरान अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. उनके नेतृत्व में स्थानीय निकाय के चुनाव में उस दौरान 36 में से 31 प्रत्याशी सपा के जीते थे. इसमें से आठ उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे. अब अपनी पुरानी स्थिति को बरकरार रखने में समाजवादी पार्टी को पसीना छूट रहा है. अखिलेश यादव के खास सिपहसालार उदयवीर का पर्चा छीने जाने और उनकी पिटाई होने से अन्य प्रत्याशी भी दबाव में आ गए हैं.
यूपी में वर्तमान में बीजेपी की सरकार है. यह चुनाव बीजेपी के लिए इसलिए अहम है कि उसे इस बार विधान परिषद में बहुमत स्थापित करना है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो दिन से स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान करने वाले बीडीसी, प्रधानों व अन्य मतदाताओं से वर्चुअल संवाद किया है. उनका लक्ष्य सभी 36 सीटें जीतना है.
विधान परिषद में बीजेपी को बहुमत दिलाने के अभियान में योगी आदित्यनाथ ने 25 फीसदी सफलता हासिल कर ली है. उनके रणनीति से बीजेपी के 9 प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है. अब बाकी बची सीटों को जीतने की कवायद में बीजेपी जुटी है. इसीलिए योगी आदित्यनाथ ने मतदाताओं से स्वयं संवाद किया है.
यूपी में विधान परिषद को उच्च सदन भी कहा जाता है. इसमें कुल 100 सीटें हैं. इसमें से 36 सीटें स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि चुनते हैं. 38 सीटों पर प्रतिनिधि विधानसभा सदस्यों के वोट से चुने जाते हैं. 8 सीटें शिक्षक निर्वाचन कोटे की हैं और 8 सीटें स्नातक वोटर मतदान के माध्यम से चुनते हैं. 10 सीटों पर राज्यपाल की संस्तुति से अलग-अलग क्षेत्रों के सदस्य नामित होते हैं.
विधान परिषद में 36 सदस्यों को कार्यकाल 7 मार्च को खत्म हो चुका है. अब उच्च सदन में बीजेपी के 35, सपा के 17, बसपा के 4 अपना दल सोनेलाल, निषाद पार्टी और कांग्रेस का 1-1 सदस्य है. अब उच्च सदन में बहुमत के लिए बीजेपी को 16 सीटें और जीतनी है. इससे बीजेपी दोनों सदन में बहुमत में हो जाएगी.