BJP Manifesto 2022: किसान आंदोलन के बाद अन्नदाताओं के लिए कई वायदे, BJP के संकल्प पत्र में क्या है खास?

संकल्प पत्र में हर वर्ग को साधने की कोशिश की गई है. युवाओं और महिलाओं के लिए कई ऐलान किए गए हैं. खास बात यह है कि बीजेपी के घोषणापत्र में उत्तर प्रदेश के अन्नदाताओं को साधने की कोशिश भी दिखी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 8, 2022 12:34 PM
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BJP Sankalp Patra 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने मंगलवार को अपने घोषणापत्र लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 को जारी कर दिया है. इस संकल्प पत्र में हर वर्ग को साधने की कोशिश की गई है. युवाओं को डिजिटल इंडिया से जोड़ने के साथ महिलाओं के लिए उज्जवला योजना के तहत होली-दीपावली पर दो गैस सिलेंडर फ्री में देने की घोषणा भी की गई है. खास बात यह है कि बीजेपी के घोषणापत्र में उत्तर प्रदेश के अन्नदाताओं को साधने की कोशिश भी दिखी.

किसानों के लिए बीजेपी के घोषणा में क्या है खास?

  • किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का ऐलान

  • लघु और सीमांत किसान को बोरवेल, ट्यूबवेल, तालाब, टैंक निर्माण के लिए 5,000 करोड़ का कोष

  • 1,000 करोड़ की लागत से नंद बाबा दुग्ध मिशन की स्थापना

  • आलू, टमाटर, प्याज जैसी सभी फसलों के लिए सुनिश्चित न्यूनतम मूल्य (1,000 करोड़ का भामाशाह भाव स्थिरता कोष बनाएंगे)

  • 4,000 नए फसल-विशिष्ट एफपीओ की स्थापना (प्रत्येक एफपीओ को 18 लाख तक की वित्तीय सहायता)

  • उत्तर प्रदेश में 6 मेगा फूड पार्क की स्थापना करेंगे

  • 25,000 करोड़ से सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (छंटाई एवं ग्रेडिंग यूनिट, कोल्ड चेन चेम्बर्स, प्रोसेसिंग सेंटर की स्थापना)

  • पांच सालों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं-धान की खरीद व्यवस्था को मजबूत करेंगे

  • प्रदेश में निषादराज बोट सब्सिडी योजना (एक लाख तक की नाव पर 40% सब्सिडी)

  • मछली बीज उत्पादन यूनिट की स्थापना (25% तक सब्सिडी)

  • 6 अल्ट्रा मॉडल मत्स्य मंडी की स्थापना का ऐलान

  • प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप

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उत्तर प्रदेश के किसानों को साधना बीजेपी की मजबूरी

बीजेपी के घोषणापत्र में किसानों के लिए कई वायदों का ऐलान है. माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के बाद पैदा हुए हालात से निपटने के लिए बीजेपी ने घोषणापत्र में किसानों का खास ख्याल रखा है. 2017 के मुकाबले 2022 के यूपी चुनाव में कई मुद्दे किसानों से जुड़े हैं. किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हिंसा के बाद मतदाताओं का मिजाज बदला नजर आ रहा है. सपा-रालोद इन मुद्दों को भुनाना चाह रही है तो बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी भी बीजेपी को बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं.

पहले फेज की 58 में से 53 सीटों पर जीती बीजेपी

10 फरवरी को उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में पहले फेज की वोटिंग है. यहां 58 विधानसभा सीटों पर कुल 623 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पहले फेज में शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा और मथुरा की जिन 58 सीटों पर पहले चरण में मतदान होने हैं, उनमें से 53 पर 2017 में भाजपा ने जीत हासिल की थी. सपा और बसपा के खाते में दो-दो सीटें गईं थी. एक सीट पर रालोद के प्रत्याशी ने जीत दर्ज करने में सफलता पाई थी.

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