UP News: बीजेपी का समाजवादी पार्टी पर हमला, कहा, महिलाओं का अपमान, सपा का काम
बीजेपी प्रवक्ता अनिला सिंह ने सपा पर तीखा हमला किया है. उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन सपा विधायकों की हरकत को भाजपा ने महिला विरोधी बताया है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सपाइयों का कृत्य राज्यपाल की गरिमा के प्रतिकूल है.
Lucknow: भाजपा प्रवक्ता अनिला सिंह ने विधानसभा में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के खिलाफ समाजवादी पार्टी के कृत्य को महिला विरोधी करार दिया है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमंते तत्र देवता. यानी जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी लोकतंत्र के मंदिर में भी नारीशक्ति का सम्मान नहीं कर सकी.
सपा ने कभी नहीं किया महिलाओं का सम्मान
अनिला सिंह ने कहा कि विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन देश-प्रदेश ने मातृशक्ति व विधायिका के प्रति उनके भाव व सम्मान को देखा. राज्यपाल जैसे गरिमामयी पद का भी सपाइयों ने ध्यान नहीं रखा. सपा विधायकों की यह हरकत निंदनीय है. समाजवादी पार्टी ने कभी भी महिलाओं का सम्मान नहीं किया. सपा राज में आए दिन महिलाओं के साथ होती रहीं घटनाएं किसी से छिपी नहीं हैं.
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सपा सोशल मीडिया हेड से जुड़ा मामला भी उठाया
समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया से जुड़े शख्स ने कुछ दिन पहले युवा महिला नेत्री के विरुद्ध अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया था्र. जिसके लिए उन्हें लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था. सपा के वरिष्ठ नेता रहे आजम खान ने भी कई बार महिलाओं के बारे में अभद्र टिप्पणियां की थीं. यह सब घटनाएं बताती हैं कि समाजवादी पार्टी में नारियों की सुरक्षा व सम्मान नहीं है.
राज्यपाल के पद की गरिमा का ध्यान नहीं
अनिला सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी के दिग्गजों के मन में बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल जैसे गरिमामयी पद और महिला के प्रति सम्मान का जो भाव है, वह न सिर्फ सदस्यों, बल्कि देश-प्रदेश के आम नागरिकों ने भी देख लिया. आधुनिक समाजवाद अराजकता, अशिष्टता, असभ्यता, आतंक का पोषक बना बैठा है, जिसे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठीं राज्यपाल के पद की गरिमा का ध्यान नहीं है.
आधी आबादी का अपमान
उन्होंने कहा कि यह अपमान न केवल हाउस का है, राज्यपाल का है, बल्कि यह अपमान आधी आबादी का भी है. महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी से इन तथाकथित समाजवादियों का पुराना नाता रहा है. फिर चाहे वह आजम खान हों या अबू आजमी. शफीकुर्रहमान बर्क हों या रामगोपाल यादव और मनीष जगन. इन सबने महिलाओं पर अपशब्दों की सारी सीमाएं लांघकर प्रहार किया है. समाजवादी पार्टी महिला विरोधी है.