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UP Chunav 2022: पहले चरण की इन मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर 2017 में जीती बीजेपी, इस बार फिर मिलेगी जीत?

UP Chunav 2022: पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहले चरण की 58 में से 54 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कई सीटें ऐसी रहीं, जहां मुस्लिम प्रत्याशियों ने ही एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 2, 2022 8:11 PM
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UP VIdhan Sabha Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण के मतदान के लिए अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. दस जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को वोट डाले जाने है. पहले चरण में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर भी कमल खिलाने में कामयाब रही थी.

पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहले चरण की 58 में से 54 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कई ऐसी सीटें रही, जहां मुस्लिम प्रत्याशियों ने ही एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाया, जिसका फायदा उठाने में बीजेपी कामयाब रही. पश्चिमी यूपी की मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर सपा-बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे, जिसका फायदा बीजेपी को हुआ.

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मीरापुर सीट पर 191 वोट से जीती थी बीजेपी

मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर केवल 193 वोट से सपा प्रत्याशी लियाकत अली विधायक नहीं बन पाए थे. यहां 14 प्रत्याशियों में से 6 मुस्लिम प्रत्याशी थे, जिसका फायदा उठाने में बीजेपी कामयाब रही. गाजियाबाद की लोनी सीट पर भी बीजेपी को मुस्लिम वोटों के बंटवारे का फायदा हुआ. यहां से नंदकिशोर गुर्जर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे.ब रही.

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मेरठ शहर और सिवालखास सीट पर भी जीती बीजेपी

मेरठ की बात करें तो शहर दक्षिण सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इसके बावजूद यहां से बीजेपी जीत दर्ज करने में कामयाब रही. सोमेंद्र सिंह तोमर बसपा के हाजी मोहम्मद याकूब कुरैशी को हराकर विधायक बने. वहीं, सिवालखास सीट पर जितेंद्र पाल सिंह जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. उन्हें सपा और बसपा के द्वारा मुस्लिम प्रत्याशी उतारने का फायदा मिला. उन्होंने करीब 11 हजार वोट से जीत दर्ज की.

थानाभवन से जीते सुरेश राणा 

शामली की थानाभवन सीट से इस समय प्रदेश सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा विधायक हैं. उन्हें विपक्षी दलों द्वारा कई मुस्लिम प्रत्याशियों को उतारने का फायदा मिला. वह करीब 16 हजार मतों से जीत दर्ज करने में सफल रहे.

अलीगढ़ शहर सीट पर 2017 में पहली बार खिला कमल

अलीगढ़ शहर सीट पर पहले मुस्लिम प्रत्याशी ही विधायक बनते थे, लेकिन 2017 में यहां से बीजेपी के संजीव राजा जीत दर्ज करने में सफल रहे. यहां से सपा, बसपा और पीस पार्टी ने मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था. बुलंदशहर में भी वीरेंद्र सिंह सिरोही कमल खिलाने में कामयाब रहे. यहां से भी सपा-बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे.

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सपा और बसपा को मिले कुल वोट बीजेपी से अधिक

कुल मिलाकर, बीजेपी को एक से अधिक मुस्लिम प्रत्याशियों के चुनावी मैदान में उतारने का फायदा मिला. सपा-बसपा को मिले कुल वोटों को जोड़ दें तो बीजेपी से कहीं अधिक होता है. मुस्लिम प्रत्याशियों के वोट बंट जाने से बीजेपी कमल खिलाने में कामयाबी रही. अब इस बार देखना होगा कि बीजेपी इन सीटों पर दोबारा कमल खिलाने में कामयाबी रहती है या नहीं.

Posted By: Achyut Kumar

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