Lucknow News: अदब के शहर में बनेंगे ब्रह्मोस मिसाइल, CM योगी और रक्षामंत्री राजनाथ बोले- सुरक्षा भी, रोजगार भी

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले 4-5 वर्षों में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के परिणामस्वरूप राज्य में निवेश के अवसरों और व्यापार में रुचि बढ़ी है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 26, 2021 4:54 PM

Lucknow News: अदब, चिकन के कपड़े, साहित्य और राजनीति का शहर कहा जाने लखनऊ अब ब्रह्मोस सरीखे मिसाइल के निर्माण के लिए भी जाना जाएगा. रविवार 26 दिसंबर को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र व ब्रह्मोस निर्माण इकाई की इकाइयों का शिलान्यास किया. इस अवसर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे.

एक नज़र में खासियत

• उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (UPDIC) में रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण समूहों के विकास में तेजी लाने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा लगभग 22 एकड़ में अपनी तरह का पहला रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र (DTTC) भी स्थापित किया जा रहा है.

• इसमें 6 उपकेंद्र होंगे. जैसे डीप-टेक इनोवेशन एंड स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर, डिजाइन और सिमुलेशन केंद्र, परीक्षण और मूल्यांकन केंद्र, उद्योग केंद्र, डिजिटल विनिर्माण, कौशल विकास केंद्र और व्यवसाय विकास केंद्र.

• ब्रह्मोस एयरोस्पेस विनिर्माण केंद्र उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (UPDIC) के लखनऊ नोड में एक बड़ा कदम है.

• यह 200 एकड़ से अधिक को कवर करेगा और नए ब्रह्मोस-एनजी संस्करण का उत्पादन करेगा, जो ब्रह्मोस हथियार प्रणाली की जेनेरेशन को आगे बढ़ाता है.

• यह नया केंद्र अगले दो से तीन वर्षों में तैयार हो जाएगा. प्रति वर्ष 80-100 ब्रह्मोस-एनजी मिसाइलों की दर से उत्पादन किया जा सकेगा.

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इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले 4-5 वर्षों में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के परिणामस्वरूप राज्य में निवेश के अवसरों और व्यापार में रुचि बढ़ी है. उन्होंने इस बदलाव को लाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार के प्रदर्शन की सराहना की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा मेक इन इंडिया, मेक फॉर इंडिया और मेक फॉर वर्ल्ड का संदेश विश्व स्तर पर भेजा गया है.

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उन्होंने कहा कि यह उत्तर प्रदेश के एमएसएमई को एक साथ लाने और राज्य को रक्षा और एयरोस्पेस निर्माण के क्षेत्र में सबसे आगे लाने में मदद करेगा. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली पर राजनाथ ने कहा कि यह प्रणाली भारत और रूस के बीच तकनीकी सहयोग को दर्शाती है.

रक्षामंत्री ने इसे ‘ब्रह्मास्त्र’ बताते हुए कहा कि ब्रह्मोस लगातार नवीनतम तकनीक से लैस सबसे बहुमुखी हथियार के रूप में विकसित हो रहा है. ‘ब्रह्मोस-एनजी (अगली पीढ़ी)’ पर, उन्होंने कहा कि अधिक उन्नत मिसाइल प्रणाली, जिसने जमीन, पानी और हवा में अपनी मारक क्षमता साबित कर दी है. आने वाले वर्षों में भारतीय सेना की आधुनिक युद्ध क्षमता को काफी मजबूत करेगी. उन्होंने कहा कि हमने 3,732 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया था. 1,400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश पहले ही प्राप्त हो चुका है.

वहीं, सीएम योगी ने कहा कि यूपी डीआईसी के सभी 6 नोड्स में काम शुरू हो गया है. दो इकाइयों की आधारशिला रखना रक्षाक्षेत्र में आत्मानिर्भर भारत के विजन की पूरा करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 इकाइयां राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी.

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इससे पूर्व रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने लखनऊ में डीटीटीसी के लिए भूमि उपलब्ध कराने के लिए रक्षामंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने ब्रह्मोस के नए संस्करण ब्रह्मोस-एनजी के बारे में जानकारी भी दी. इसके अलावा डॉ रेड्डी ने ब्रह्मोस निर्माण केंद्र के लिए 200 एकड़ भूमि प्रदान करने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया.

इस अवसर पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री कौशल किशोर, उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री आशुतोष टंडन, उत्तर प्रदेश राज्यमंत्री स्वाति सिंह, उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री मोहसिन रजा और रक्षा मंत्रालय एवं डीआरडीओ के अधिकारी उपस्थित रहे.

क्या है ब्रह्मोस?

• ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली दुनिया के सबसे सफल मिसाइल कार्यक्रमों में से एक है.

• भारत ने अपने निकटतम रणनीतिक सहयोगी रूस के साथ संयुक्त रूप से साझेदारी की है. दुनिया के सबसे अच्छे और सबसे तेज एवं सटीक हथियार के रूप में ब्रह्मोस ने भारतीय सेना को मजबूत किया है.

• ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने मिसाइल के एक नए एडवांस तकनीक पर काम शुरू किया है. इसे ब्रह्मोस-एनजी (अगली पीढ़ी) कहा जाएगा.

• छोटे, हल्के और स्मार्ट आयामों वाली इस नई मिसाइल को भूमि, समुद्र, पानी के भीतर और हवा सहित आधुनिक सैन्य प्लेटफार्मों की एक विस्तृत संख्या पर तैनाती के लिए डिज़ाइन किया जाएगा.

• यह अगले कुछ वर्षों में भारतीय सेना की आधुनिक युद्ध क्षमता और लचीलेपन को बेहद मजबूत करेगा.

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