लखनऊ: आयुष काउंसलिंग में फिर से सेंध लग गयी है. हैकर सर्वर में घुसकर मेडिकल कॉलेज बदल दिये. लगभग 30 यूजी अभ्यर्थियों के कॉलेज बदले गये हैं. अभ्यर्थियों की शिकायत के बाद इस गड़बड़ी का पता चल पाया है. काउंसलिंग को दो दिन के लिये रोक दिया गया है. इस मामले में विभूति खंड थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है.
नेशनल होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में आयुष यूजी काउंसलिंग का दूसरा चरण शुरू हुआ है. अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग में अपने पसंद के मेडिकल कॉलेजों की चॉइस फिलिंग की. लेकिन बाद में यह विकल्प अपने आप बदल गये. इसकी जानकारी अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग प्रभारी को दी. इसके बाद काउंसलिंग रोक कर एफआईआर दर्ज करायी गयी है.
आयुष यूजी काउंसलिंग का दूसरा चरण 11 अक्टूबर से शुरू हुआ है. इसमें बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस के लिये रैंक के अनुसार अभ्यर्थी अपने कॉलेज को चॉइस कर रहे हैं. लेकिन 30 अभ्यर्थियों का कॉलेज अपने आप बदल गया. इससे काउंसलिंग के पोर्टल हैक होने का पता चला. काउंसलिंग बोर्ड के सचिव डॉ. अरविंद वर्मा ने बताया कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है. शिकायत के बाद जांच की गयी तो इसका खुलासा हुआ है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.
इससे पहले 2022 में भी यूपी में आयुष काउंसलिंग में हेरफेर का मामला सामने आया था. प्रदेश के 50 से अधिक आयुष कॉलेजों में बिना मेरिट लिस्ट के प्रवेश ले लिये गये थे. इसमें आयुर्वेद निदेशक, काउंसलिंग प्रभारी व कई अन्य लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं. एसटीएफ ने इस पूरे मामले की जांच कर रही है. इस आयुष प्रवेश घोटाले में शामिल निजी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों को भी एसटीएफ कई बार बुलाकर पूछताछ कर चुकी है. जिन छात्रों ने गलत तरीके से प्रवेश लिया था, उनके एडमिशन कैंसिल किये जा चुके हैं. आयुर्वेद निदेशालय और निजी आयुर्वेद कॉलेजों की मिलीभगत से यह प्रवेश घोटाला हुआ था. इसमें वह कंपनी भी शामिल थी, जिसको काउंसलिंग की जिम्मेदारी दी गयी थी.