Brij Bhushan Singh: अब क्या मैं फांसी पर लटक जाऊं? पहलवानों के गुस्से पर बृजभूषण सिंह ने कह दी यह बड़ी बात

बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों के विरोध पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के गोद में बैठे इन पहलवानों के साथ देश का एक भी पहलवान नहीं अब उनके विरोध पर क्या मैं फांसी पर लटक जाऊं? देखिए कुश्ती पर 11 महीने और तीन दिनों तक ग्रहण लगा था.

By Sandeep kumar | December 23, 2023 3:08 PM

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के करीबी संजय सिंह (Sanjay Singh) का राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण (Anita Sheoran) से मुकाबला था, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की है. बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के जीत के बाद पहलवानों ने निराशा जाहिर करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसके बाद बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली दिग्गज पहलवान और ओलिंपिक मेडल विनर साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने कुश्ती से सन्यास लेने का ऐलान कर दिया. वहीं बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने अपना पद्म पुरस्कार (Padma Award) प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ पर छोड़कर चले गए. अब पहलवानों के विरोध को लेकर बृजभूषण शरण सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के गोद में बैठे इन पहलवानों के साथ देश का एक भी पहलवान नहीं अब उनके विरोध पर क्या मैं फांसी पर लटक जाऊं? देखिए कुश्ती पर 11 महीने और तीन दिनों तक ग्रहण लगा था. चुनाव हुआ और पुरानी फेडरेशन के समर्थित प्रत्याशी यानि हमारे समर्थित प्रत्याशी संजय सिंह उर्फ बबलू को जीत मिली है. जीत भी 40 और 7 के अंतर से हुई जो कुश्ती का काम है उसको अब आगे बढ़ाना हमारा लक्ष्य है. वहीं साक्षी के सन्यास लेने के फैसले पर उन्होंने कहा कि पहलवान अगर अभी विरोध कर रहे हैं या साक्षी ने अलविदा कह दिया है कुश्ती को तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं, इसमें हम क्या उनकी मदद करें आप बताइए! यह पहलवान जो 12 महीने से हमें गाली देने का काम कर रहे हैं और आज भी गाली दे रहे हैं उनको गाली देने का हक किसने दिया है. आज वह चुनाव पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं कांग्रेस के गोद में जाकर बैठे हैं, आज देश का कोई भी पहलवान उनके साथ नहीं है उनकी क्या मदद करें क्या हम फांसी पर लटक जाए.

हमारी लड़ाई बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ थी- साक्षी मलिक

दरअसल, फेडरेशन के नए अध्यक्ष संजय सिंह पुराने अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बेहद करीबी हैं. उनकी जीत के बाद अब पहलवानों का कहना है कि बृजभूषण के करीबी के अध्यक्ष बनने के बाद अब उन्हें इंसाफ मिलने की उम्मीद और कम हो गई है. इस मुद्दे पर ही रेसलिंग से संन्यास लेने वालीं साक्षी मलिक ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि हमारी (पहलवानों) लड़ाई बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ थी. हम चाहते थे कि उसका कब्जा फेडरेशन से हट जाए. सरकार से हमारी बात हुई थी कि फेडरेशन में कोई महिला अध्यक्ष हो, ताकि शोषण की शिकायतें ना आएं. सरकार ने हमारी इस मांग को स्वीकार भी किया था, लेकिन अब रिजल्ट कुछ और ही आया है, जो सबके सामने है. बृजभूषण का राइट हैंड और उसका बिजनेस पार्टनर ही फेडरेशन का अध्यक्ष बन गया है. वहीं देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की शनिवार को जयंती मनाई जा रही है. इस दौरान रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने भी चौधरी चरण सिंह की जयंती पर महिला पहलवानों को लेकर प्रतिक्रिया दी है. पहलवान साक्षी मलिक के सन्यास देने से देश का बड़ा नुकसान हुआ है और हानी पहुंची है. चुनाव से खिलाड़ियों को मायूसी हुई है. चुनावों में फिर से वही लोग जीत कर आ गए हैं. लेकिन खिलाड़ियों को हिम्मत रखनी चाहिए. वहीं दूसरी ओर संसद से सांसदों के निंलबित होने पर कहा कि संसद में सरकार चर्चा से बच रही है. रहन सहन पहनावे के लिए आजादी दी गई है, यह सही है. संवैधानिक अधिकार है.

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बता दें कि कुछ दिनों पहले रालोद ने मांग की थी कि भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न दिवंगत प्रधानमंत्री और प्रमुख किसान नेता चौधरी चरण सिंह को दिया जाना चाहिए. तब रालोद के राष्ट्रीय सचिव विजय कुमार लाल श्रीवास्तव ने कहा कि चौधरी चरण सिंह सच्चे गांधीवादी, लोकतंत्र के समर्थक और समाजवादी मूल्यों में विश्वास रखने वाले महान नेता थे. उन्होंने भाईचारे और सामाजिक न्याय आंदोलनों को मजबूत करने के लिए अपने कार्यकाल के दौरान मंडल आयोग और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना के लिए चौधरी चरण सिंह को श्रेय दिया. विजय कुमार लाल श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल, पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक, हेमवती नंदन बहुगुणा, कर्पूरी ठाकुर, जॉर्ज फर्नांडिस, राज नारायण, मधु लिमये, पीलू मोदी, मुलायम सिंह यादव और शरद यादव समेत कई बड़े राजनेता उन्हें अपना नेता मानते थे. रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने मांग की कि केंद्र सरकार को 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह की जयंती पर पूर्व पीएम को भारत रत्न देने की घोषणा करनी चाहिए.

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