Lucknow News: हाल ही में बसपा प्रमुख मायावती ने कहा था कि उनकी पार्टी चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद ही वह रैली आदि की शुरुआत करेंगी. मगर इस बार चुनाव आयोग ने रैली, पदयात्रा और बाइक-साइकिल रैली आदि पर 15 जनवरी तक पाबंदी लगा दी है. यानी बसपा की रैलियां तो हो ही नहीं पाएंगी.
बीते दो महीनों से प्रदेश में रैली, पदयात्रा और रथयात्रा का आयोजन तेजी से किया जा रहा था. भाजपा, सपा और कांग्रेस की ओर से कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस बीच शनिवार को उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया. चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान करने के साथ ही 15 जनवरी तक किसी भी राजनीतिक दल को रैली आदि निकालने से रोक दिया है. ऐसे में बसपा के लिए दिक्कत बढ़ गई है.
दरअसल, बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन करके यह कहा था कि उनकी पार्टी गरीबों और मजलूमों की पार्टी है. उनके पास अन्य दलों की तरह इतना रुपया नहीं है कि वह दिखावा कर सकें. ऐसे में वह अपनी पार्टी की रैली आदि की तैयारी तभी करेंगी जब चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर देगा.
यदि चुनाव आयोग ने पाबंदियों की समयसीमा को बढ़ा दी तो बसपा सुप्रीमो मायावती की सारी योजनाओं पर पानी फिर जाएगा. ऐसे में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को चुनाव में पार्टी को मजबूती देने के लिए कुछ नई रणनीति अपनानी होगी. इसी क्रम में मायावती रविवार सुबह एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन करेंगी.
हालांकि, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र प्रदेश में जगह-जगह जनसभाओं का आयोजन करके अपनी बात तो रख चुके हैं. मगर बड़ी रैलियों के नाम से जानी जाने वाली बसपा ने अब तक कोई बड़ा आयोजन नहीं किया है. प्रदेश की जनता मायावती को नहीं सुन सकी है. जाहिर है कि अब रैलियों पर पाबंदी के बीच मायावती को पार्टी को जनाधार दिलाने के लिए किसी नई रणनीति पर काम करना होगा.