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UP Election 2022: बागियों के सहारे पूर्वांचल का रण लड़ रही BSP, मायावती की रणनीति होगी कामयाब?

UP Election 2022: पूर्वांचल में बसपा प्रमुख मायावती ने बागियों पर भरोसा जताया है. उनकी यह रणनीति कितनी कामयाब होगी, इसका पता 10 मार्च को मतगणना होने के बाद चलेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | March 3, 2022 10:58 AM

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में पांच चरण का मतदान हो चुका है. छठे चरण का मतदान जारी है. सातवें चरण में 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. अब सभी दल पूर्वांचल की सीटों पर अपना पूरा जोर लगा रहे हैं. इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी इस बार नई रणनीति के साथ पूर्वांचल के चुनावी मैदान में उतरी है.

पूर्वांचल में पिछली बार भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत मिली थी. यह समाजवादी पार्टी और बीजेपी के लिए अहम है. वहीं, अपना दल (सोनेलाल), अपना दल (कमेरावादी) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जैसे क्षेत्रीय दलों के लिए पूर्वांचल अस्तित्व का सवाल है. यहां की सीटों पर इन दलों की असली परीक्षा होगी. बसपा पूर्वांचल में दूसरे दलों से आए बागी नेताओं को आगे कर चुनाव लड़ रही है.

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शादाब फातिमा

शादाबा फातिमा सपा सरकार में मंत्री रही हैं. उन्हें बसपा ने गाजीपुर की जहूराबाद सीट से प्रत्याशी है, जहां सपा-सुभासपा गठबंधन से ओमप्रकाश राजभर प्रत्याशी हैं. सपा से टिकट न मिलने पर शादाब फातिमा बसपा में शामिल हो गईं. बीजेपी की बात करें तो उसने यहां से कालीचरण राजभर को प्रत्याशी बनाया है, जो दो बार बसपा से विधायक रह चुके हैं. शादाब फातिमा ने 2012 में ओमप्रकाश राजभर को हराया था. बसपा ने शादाब फातिमा को टिकट देकर सपा और बीजेपी दोनों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं.

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शबाना खातून

शबाना खातून को बसपा ने अंबेडकरनगर की टांडा सीट से प्रत्याशी बनाया है. पहले इस सीट से मनोज वर्मा को टिकट दिया गया था. शबाना किछौछा नगर पंचायत की अध्यक्ष हैं. वह सपा से टिकट चाहती थीं, लेकिन नहीं मिला. इससे नाराज होकर वह अपने पति और समर्थकों के साथ बसपा में शामिल हो गईं. इस सीट से सपा ने पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा, बीजेपी ने कपित देव वर्मा को मैदान में उतारा है.

इलियास अंसारी

इलियास अंसारी को बसपा ने कुशीनगर की फाजिल नगर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है. इलियास तीन दशक से सपा के लिए काम कर रहे थे. वह सपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन यहां से स्वामी प्रसाद मौर्य को टिकट दे दिया गया. इससे नाराज होकर वह बसपा में शामिल हो गए. इसके पहले वह सपा के जिलाध्यक्ष थे. यहां से बीजेपी ने दो बार विधायक रहे गंगा सिंह कुशवाहा के बेटे सुरेंद्र सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है. इससे यहां पर मुकाबला अब त्रिकोणीय हो गया है.

सुरेश तिवारी

सुरेश तिवारी को बसपा ने देवरिया की रुद्रपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. वह 2007 में भी यहां से विधायक बने थे. हालांकि 2012 में चुनाव हारने के बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए. वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बरहज से फिर विधायक चुने गए. इस बार सपा ने यहां से रामभुआल निषाद, बीजेपी ने वर्तमान विधायक जय प्रकाश निषाद को प्रत्याशी बनाया है.

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हरिराम चेरौ

हरिराम चेरौ को बसपा ने सोनभद्र जिले की दुद्धी (सुरक्षित) विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. वह इस समय अपना दल से विधायक हैं, लेकिन अब बसपा में शामिल हो गए हैं. यहां से बीजेपी ने रामदुलार गोंड को प्रत्याशी बनाया है, जो अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष हैं. वह 10 साल से ग्राम प्रधान भी हैं. यहां से सपा ने विजय सिंह गोंड को टिकट दिया है. वह सात बार विधायक रहे हैं. पिछली बार वह बसपा से दुद्धी सीट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे.

श्रद्धा यादव

श्रद्धा यादव को बसपा ने जौनपुर की मड़ियाहूं विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. वह 2012 में सपा के टिकट पर यहां से विधायक निर्वाचित हुईं थी. उन्होंने 2017 का चुनाव भी सपा से लड़ा रहा था. इस बार टिकट नहीं मिलने पर वह बसपा में शामिल हो गईं. सपा ने यहां से बसपा छोड़कर आने वाली सुषमा पटेल को प्रत्याशी बनाया है. जबकि बीजेपी-अपना दल गठबंधन की तरफ से आरके पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है.

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10 मार्च को होगी मतगणना

कुल मिलाकर, पूर्वांचल में बसपा प्रमुख मायावती ने बागियों पर भरोसा जताया है. उनकी यह रणनीति कितनी कामयाब होगी, इसका पता 10 मार्च को मतगणना होने के बाद चलेगा.

Posted By: Achyut Kumar

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