बसपा MLA उमाशंकर सिंह बोले- पार्टी देना चाहती थी शाइस्ता को टिकट, उमेश पाल मामले में अब तक नहीं मिला संबंध
बलिया में रविवार को बसपा विधायक उमा शंकर सिंह ने कहा कि हाल ही में प्रयागराज में हुए गोलीकांड में मारे गए माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन अब भी बसपा में ही हैं और दोष सिद्ध होने पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा.
Lucknow : उत्तर प्रदेश के बलिया में रविवार को बसपा विधायक उमा शंकर सिंह ने कहा कि हाल ही में प्रयागराज में हुए गोलीकांड में मारे गए माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन अब भी बसपा में ही हैं और दोष सिद्ध होने पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि हमने शाइस्ता परवीन को पार्टी में शामिल किया है, माफिया अतीक अहमद को नहीं. हम चाहते थे कि वह प्रयागराज से मेयर का चुनाव लड़ें. अभी तक पुलिस के तरफ से ऐसा कोई वीडियो भी नहीं जारी किया गया है, जिसमें पता चल सके कि शाइस्ता परवीन का उमेश पाल हत्याकांड से कोई संबंध है.
आरोप सिद्ध होते ही होंगी पार्टी से बाहर
जिस दिन ऐसा कोई वीडियो मिल जाएगा उसी दिन बसपा उनको पार्टी से बाहर कर देगी. बलिया जिले के रसड़ा विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक ने रविवार को जिला मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत करते हुए माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की बसपा में स्थिति को स्पष्ट किया. उमाशंकर सिंह ने बताया कि अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पार्टी में ही हैं. पार्टी से निकाली नहीं गई है. मगर, पार्टी में किसी पद पर नहीं है. दोष सिद्ध हो जायेगा तो पार्टी से निकाल देंगे. अभी दोष सिद्ध नहीं हुआ है. उनके प्रति पार्टी की सहानुभूति है.
उमेश पाल हत्याकांड में नाम आने के बाद कटा था टिकट
गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड मामले के आरोपी पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज में मेडिकल जांच के लिए काल्विन अस्पताल ले जाते वक्त तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी. अतीक की पत्नी शाइस्ता उमेश पाल हत्याकांड में अभियुक्त है और ऐसी चर्चा थी कि बसपा ने उसे प्रयागराज नगर निगम के महापौर पद के लिए प्रत्याशी बनाया है, मगर उमेश पाल हत्याकांड मामले में नाम आने के बाद पार्टी ने शाइस्ता को टिकट नहीं दिया था.
अखिलेश यादव पर बोले बसपा विधायक
सपा द्वारा बसपा को बीजेपी की ‘बी’ टीम कहे जाने पर बसपा विधायक ने कहा, ‘अखिलेश यादव के पास बसपा को बदनाम करने के अलावा और कोई मुद्दा नहीं है. बीजेपी की वर्ष 2017 में जब सरकार आई तो उस समय बीजेपी ने अखिलेश यादव द्वारा कराए गए बड़े महत्वपूर्ण कार्य की जांच प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को सौंपा था. जांच एजेंसी ने उसी समय आजम खां के कुछ काम की जांच भी शुरू की. बीजेपी की बी टीम कौन है, इसका खुलासा इसी से हो जाता है कि जांच एजेंसी ने अखिलेश यादव के किसी कार्य की जांच के मामले में एक पर्चा भी नहीं काटा है.’
क्यों नहीं हो रहा सपा सरकार में हुए घोटालों की जांच- बसपा विधायक
उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव का शुरू से लक्ष्य आजम खान को नेस्तनाबूद करने का था. इसमें वह कामयाब भी हो गए. उमाशंकर सिंह ने आगे कहा कि आखिर सभी जांच एजेंसियां अखिलेश यादव के कार्यों की जांच में शिथिल क्यों पड़ी हुईं हैं. जिस मामले में सपा के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव के पूरे परिवार का नाम है. उस मामले में एक आरोपी यादव सिंह को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा. आज तक राम गोपाल यादव के परिवार से पूछताछ भी नहीं हो रही है. ऐसे में आप ही बताएं कि भाजपा की बी टीम कौन है.’