बसपा सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर केस में चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, लोकसभा सदस्यता रद्द होना तय
कोर्ट के इस फैसले के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता खतरे में पड़ गई है. सजा सुनाए जाने के दौरान वह कोर्ट में उपस्थित थे. कोर्ट से दो वर्ष से अधिक की सजा होने पर विधायक और सांसद की सदस्यता रद्द की जा सकती है. वहीं कानून के मुताबिक अफजाल अंसारी इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं.
Lucknow: बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के लगभग 16 वर्ष पुराने मामले में दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. कोर्ट से सजा सुनाने के साथ ही अफजाल अंसारी को कड़ी सुरक्षा के घेरे में जेल भेज दिया गया. इसी मामले में शनिवार को ही गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने कुछ देर पहले माफिया मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा सुनाने के साथ पांच लाख का जुर्माना लगाया.
कोर्ट के इस फैसले के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता खतरे में पड़ गई है. सजा सुनाए जाने के दौरान वह कोर्ट में उपस्थित थे. कोर्ट से दो वर्ष से अधिक की सजा होने पर विधायक और सांसद की सदस्यता रद्द की जा सकती है. वहीं कानून के मुताबिक अफजाल अंसारी इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं.
गाजीपुर में वर्ष 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की हत्या की गई थी. इस मामले में अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था.इसके बाद से गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी जमानत पर हैं.
सदस्यता निलंबन को लेकर ये है नियम
सांसद की सदस्यता के निलंबन को लेकर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत नियम हैं. इसके तहत धारा (1) और (2) में प्रावधान है, जिसके मुताबिक, कोई सांसद या विधायक दुष्कर्म, हत्या, भाषा या फिर धर्म के आधार पर सामाज में शत्रुता पैदा करता है या फिर संविधान को अपमानित करने के उद्देश्य से किसी भी आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होता है या फिर किसी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होता है, ऐसी स्थिति में उस सांसद या विधायक की सदस्यता को रद्द कर दिया जाएगा.
इसके साथ ही धारा(3) के मुताबिक, यदि किसी सांसद या विधायक को किसी आपराधिक मामले में दोषी मानते हुए दो वर्ष से अधिक की सजा हो, तब भी उसकी सदस्या को रद्द किया जा सकता है. साथ ही अगले छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध होता है.
इस तरह सदस्यता बचाने का विकल्प है मौजूद
सांसद या विधायक इन मामलों में अपनी सदस्यता को बचा सकते हैं. यह तब हो सकता है, जब सजा किसी निचली अदालत से मिली है, तब मामले को उच्च या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. यदि हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की ओर से सजा पर रोक लगती है, तब सदस्यता को बचाया जा सकता है. हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भी सदस्तया रद्द की जा चुकी है.