लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है. इस बीच दलबदल की राजनीति भी जोरों पर है. मायावती की बहुजन समाजपार्टी (BSP) के नौ बागी विधायकों पर भी समाजवादी पार्टी की निगाहें हैं. इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है के वे बागी विधायक अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के संपर्क में हैं. हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में इन 9 विधायकों को बसपा से निष्कासित कर दिया गया है.
जनसत्ता ने लिखा कि पार्टी के बागी विधायक अलग-अलग अपने-अपने स्तर से दूसरे दलों के संपर्क में हैं. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव मौके का फायदा उठाना चाहते हैं और विधायकों को अपनी पार्टी में जगह देना चाहते हैं. यह भी कहा गया कि अखिलेश ने सभी विधायकों से मुलाकात की और 2022 में होने वाले चुनाव पर चर्चा की. बाद में पीछे के दरवाजे से सभी को बाहर निकाला गया.
आज तक ने लिखा कि सभी विधायक जल्द ही सपा में शामिल हो सकते हैं. सभी ने पिछले दरवाजे से अखिलेश यादव से मुलाकात की है. आज तक से बातचीत में अखिलेश यादव ने भी स्पष्ट किया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी बसपा के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी. बता दें कि पिछली बार बसपा और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था और हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ा था.
लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट में कहा गया कि बसपा विधायकों के सपा में जाने पर अभी भी संशय बरकरार है. दलबदल कानून इनके सपा में शामिल होने में सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है. ऐसे में सपा के रणनीतिकारों का सोचना है कि विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी प्रकार का अडंगा न लगे और चुनाव के समय ही निर्णय लिया जाए कि क्या करना है. उम्मीद की जा रही है कि विधान परिषद चुनाव के बाद ही पार्टी कोई निर्णय लेगी.
अखिलेश यादव से मुलाकात करने वालों में जिन विधायकों का नाम शामिल है, उनमें हाकिम लाल बिंद (विधायक हांडिया-प्रयागराज), असलम राइनी (विधायक, भिनगा-श्रावस्ती), हरगोविंद भार्गव (विधायक सिधौली-सीतापुर), मुजतबा सिद्दीकी ( विधायक प्रतापपुर-इलाहाबाद), सुषमा पटेल (विधायक, मुंगरा बादशाहपुर), असलम अली चौधरी (विधायक, ढोलाना-हापुड़), वंदना सिंह (विधायक, सगड़ी), रामवीर उपाध्याय (विधायक, सादाबाद) और अनिल सिंह (विधायक, उन्नाव) के नाम हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.