Lucknow: प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर बसपा ने कमर कस ली है. पार्टी सुप्रीमो मायावती ने रविवार को राजधानी लखनऊ में कोऑर्डिनेटर और अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक में निकाय चुनाव को लेकर रणनीति पर मंथन किया. इस दौरान निकाय चुनाव के मद्देनजर डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती को हर निकाय स्तर पर मनाने का निर्णय किया गया.
बसपा विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह ने बताया कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती को पार्टी कार्यकर्ता हर निकाय स्तर पर मनाएंगे. प्रदेश में निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी सुप्रीमो मायावती ने यह फैसला किया है.
इस बैठक में प्रयागराज से माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को टिकट देने को लेकर फैसले पर उन्होंने कहा कि पार्टी सुप्रीमो ही अंतिम निर्णय करेंगी. उन्हें टिकट दिया जाएगा या नहीं इस बारे में बाद में फैसला किया जाएगा. दरअसल शाइस्ता परवीन ने इस वर्ष जनवरी में प्रयागराज में बसपा की सदस्यता ग्रहण की थी.
अतीक के दबदबे और स्थानीय समीकरण को देखते हुए शाइस्ता परवीन को प्रयागराज के मेयर उम्मीदवार के तौर पर भी पेश किया गया. इसके बाद माना जा रहा था कि निकाय चुनाव की लड़ाई रोचक होगी. हालांकि उमेश पाल हत्याकांड के बाद सारे समीकरण बदल गए. अब शाइस्ता पर इनाम घोषित होने के बाद माना जा रहा है कि उनकी जगह पार्टी किसी अन्य को मेयर का टिकट देंगी.
उमाशंकर सिंह ने कहा बसपा निकाय चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है और पार्टी शानदार प्रदर्शन करेगी. इससे पहले वर्ष 2017 में हुए निकाय चुनाव में बसपा पहली बार मैदान में उतरी थी. तब विधानसभा चुनाव के आठ माह बाद हुए निकाय चुनाव में भाजपा का दबदबा देखने को मिला था. पार्टी ने 16 नगर निगमों में से 14 पर कब्जा जमाया था. वहीं बसपा अलीगढ़ और मेरठ नगर निगम में महापौर की सीट जीतने में कामयाब हुई थी. मेरठ में पार्टी उम्मीदवार सुनीता वर्मा और अलीगढ़ में फुरकान ने जीत दर्ज की थी. वहीं सपा और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका था.
ऐसे में बसपा एक बार फिर निकाय चुनाव को लेकर तैयारियों में जुट गई है. पार्टी अंबेडकर जयंती के जरिए जहां निकाय चुनाव को लेकर अपने दलित वोट बैंक को साधने में जुटी है. वहीं अल्पसंख्यक और अन्य दूसरे वोट बैंक को लेकर भी रणनीति के तहत टिकट दिय जाएगा. प्रयागराज में शाइस्ता परवीन के मामले में पार्टी सुप्रीमो मायावत सोच विचार के बाद निर्णय करेंगी.