बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुफ्त अनाज देकर मोदी सरकार लोगों को गुलाम बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि हमने यूपी में अपनी चार बार की सरकार में सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय पर ध्यान दिया. अल्पसंख्यक, गरीब, मुस्लिम, किसान और अन्य मेहनतकश लोगों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की थी, जिन्हें सरकारें नाम और स्वरूप बदल कर अपना बनाने का प्रयास कर रही हैं. लेकिन जातिवादी होने के कारण यह काम नहीं हो पा रहा है. रोजगार के साधन देने के बजाय मुफ्त में थोड़ा सा राशन देकर इनको अपना मोहताज बना रहे हैं. जबकि हमने अपनी सरकार के दौरान वर्तमान सरकारों की तरह लोगों को अपना मोहताज नहीं बनाया बल्कि सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के साधन दिए. केंद्र और राज्य सरकार धर्म और संस्कृति की आग में राजनीति कर रही है, जिससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है. यूपी में हमारी योजनाओं की नकल कर रहे हैं. और नाम बदलकर उसे भुनाने को कोशिश की.
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बसपा प्रमुख मायावती ने एलान किया कि हमारी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. हम किसी गठबंधन में नहीं जाएंगे. साल 2007 की तरह हमारी पार्टी लोकसभा में भी बेहतर परिणाम देगी. हमारी पार्टी का सर्वोच्च नेतृत्व एक दलित के हाथ में है. गठबंधन करने पर हमारा वोट तो उन्हें मिल जाता है. मगर उनका वोट ख़ासकर सवर्ण वोट हमें नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि अगर मेरी पार्टी के कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में अच्छे नतीजे लाते है तो यही मेरे लिए गिफ्ट होगा. वहीं
अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष् समारोह पर उन्होंने कहा कि मुझे आने का न्योता मिला है. लेकिन बहुजन समाज पार्टी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, हम सबका सम्मान करते हैं. इसलिए हम इस समारोह का स्वागत करते हैं. अगर मैं व्यस्त नहीं हुई तो जा सकती हूं, लेकिन अभी इस पर निर्णय नहीं लिया है क्योंकि पार्टी के काम में व्यस्त हूं. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि अयोध्या में जो भी कार्यक्रम होने जा रहे हैं. हमें ऐतराज नहीं हैं. हम स्वागत करते हैं. आगे चलकर बाबरी को लेकर कुछ होगा तो हम उसका भी स्वागत करेंगे.