यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के नाका इलाके में अवैध रूप से बेसमेंट की खुदाई के चलते बुधवार की दोपहर करीब 1.00 बजे दो निर्माणाधीन बिल्डिगें भर-भराकर गिर गईं. मौक पर पहुंची पुलिस ने आसपास के घरों को खाली करा कर रस्सी बांध करके सड़क पर आवागमन को बंद किया था, जिससे जन हानि नहीं हुई. पुलिस ने दो परिवारों के नौ सदस्यों को तो बचा लिया, लेकिन उनके जीवन भर की गृहस्थी मलबे में दब गई. साथ ही पड़ोसी शिवा अरोडा की बाउंड्री एवं वहां पर खड़ी स्कूटी टूट गई. इस घटना के जिम्मेदार बिल्डिंग का निर्माण करने वाले ठेकेदार दीपू को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. वहीं बिल्डिंग गिरने के मामले में एलडीए (Lucknow Development Authority- LDA) की टीम मौके पर जांच करने पहुंची. जिसमें पता चला कि पूर्व निर्मित आवासीय बिल्डिंग में अवैध रूप से बेसमेंट की खुदाई हुई, इसी के चलते हादसा हुआ है. जिसके बाद प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा (Additional Secretary Gyanendra Verma) के निर्देश पर जेसीबी तथा डम्पर मंगाकर मलबा हटाने का काम किया गया. प्रवर्तन जोन-6 के जोनल अधिकारी डीके सिंह (Zonal Officer DK Singh) ने बताया कि तुरंत पूरे प्रकरण की जांच करायी गई, जिसमें आसपास के मकानों में रहने वाले परिवारों व स्थानीय दुकानदारों के भी बयान लिए गए. जांच में पाया गया कि भवन संख्या-288/203 के स्वामी कृष्ण कुमार द्विवेदी व अनिल कुमार द्विवेदी पुत्रगण स्व0 हनुमान प्रसाद द्विवेदी द्वारा लगभग 750 वर्ग फिट क्षेत्रफल में काफी पहले बिल्डिंग का निर्माण कराया गया था. दो जनवरी की रात में मालिक द्वारा चोरी-छिपे बिल्डिंग के अंदर से मिट्टी निकाल कर बेसमेंट का निर्माण करवाया जा रहा था.
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इस बिल्डिंग में सतेन्द्र द्विवेदी पुत्र वीरेन्द्र द्विवेदी का लगभग 600 वर्गफिट क्षेत्रफल में पुराना मकान बना हुआ है. मानक के विपरीत बेसमेंट की खुदाई किए जाने के कारण बुधवार सुबह 10:30 दो बिल्डिंगों में दरार आयी और आस पास के मकान हिलने लगे. इससे लोग घरों से बाहर निकल आए तो देखा कि बिल्डिंग तिरछा हो गई. लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसने तत्काल पहुंच बचाव कार्य शुरु कर दिया.बिल्डिंग गिरने की आशंका के चलते आसपास के घरों में अफरा-तफरी मची तो महिलाओं और बच्चों की रुलाई कोहराम मच गया. पड़ोसियों ने बच्चों को रिश्तेदारों के घर भेज दिया. भवन स्वामियों ने बिना प्राधिकरण को सूचना दिए तथा अन्य किसी विशेषज्ञ एजेंसी से स्ट्रक्चरल सिक्योरिटी के सम्बन्ध में सलाह लिये बगैर मरम्मत एवं मिट्टी के खनन का कार्य कराया. इन सभी बिन्दुओं के दृष्टिगत अवर अभियंता इम्तियाज अहमद द्वारा भवन संख्या-288/203 के स्वामी कृष्ण कुमार द्विवेदी व अनिल कुमार द्विवेदी के खिलाफ नाका कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी गयी है. वहीं वकील केके द्विवेदी की किराएदार विमला ने लोगों को बताया कि इस बिल्डिंग में उसका परिवार लगभग 60 साल से रह रहा था. बिल्डिंग गिरने से उनकी जान तो बच गई, मगर जीवन भर की गृहस्थी उसमें दबी है. बेसमेंट के दूसरी तरफ के हिस्से में परिवार के पांच सदस्य रहते थे. विमला ने यह भी बताया कि गिरने वाले मकान में केके द्विवेदी का परिवार नहीं रहता. बेसमेंट की खुदाई रात को चल रही थी. परिवार के प्रदर्शन पर एलडीए के द्वारा शारदानगर योजना में प्रधानमंत्री आवास दिए जाने का आश्वासन दिया गया है.
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10:30 बजे से ही तिरछी होने लगी थी बिल्डिंग
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11:00 बजे पुलिस ने रास्ता बंद कर शुरु किया बचाव
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1:05 बजे सबके सामने भर भरा करके ढही बिल्डिंग
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4:00 बजे से उठना शुरु हुआ बिल्डिंग का मलबा
वहीं अपर सचिव एलडीए ज्ञानेंद्र वर्मा ने कहा कि बेसमेंट की अवैध तरीके से खुदाई किए जाने के कारण आपस में मिले दो मकानों की बिल्डिंग भर भरा कर गिर गई. बिल्डिंग मालिक के द्वारा बेसमेंट की खुदाई के लिए एलडीए से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. इसके कारण नाका कोतवाली में तहरीर दी गई, साथ ही, अन्य कार्रवाई होगी.