Lucknow : उत्तर प्रदेश के 7 जिलों से गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर हवन पूजन के साथ टोल टैक्स का शुभारंभ कर दिया गया. अब आने जाने वाले वाहनों पर टोल टैक्स लेना शुरू कर दिया गया है. बुधवार को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट ऑथोरिटी (यूपीडा) के सीईओ मनोज कुमार सिंह ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स का शुभारंभ कर दिया है. उन्होंने आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 133 से शुरू होकर चित्रकूट की ओर जाने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 287 पर बने प्रमुख टोल प्लाजा पर बुधवार रात सवा आठ बजे शुभारंभ किया.
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बनने से चित्रकूट तक जाने का रास्ता बहुत आसान हो गया है. अब टोल प्लाजा का शुभारंभ कर दिया गया है. 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस पर आम लोगों को बुंदेलखंड तक जाने की राह आसान रहेगी. उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी खोली जा रही है. एक्सप्रेसवे पर यूपीडा के कर्मचारी दिन रात तैनात रहेंगे. उनके साथ उप मुख्य पालक श्रीष चंद्र वर्मा के अलावा यूपीडा के कुदरैल से लेकर जालौन तक के मुख्य सुरक्षा अधिकारी विजय सिंह आदि भी मौजूद रहे.
ताखा से चित्रकूट के बीच 296 किलोमीटर के एकसप्रेस वे पर तेरह टोल प्लाजा होंगे कार से सफर करने के लिए 620 रुपये देने होंगे. सबसे भारी वाहन पर 3895 रूपए देने होंगे. बुधवार रात 12 बजे से बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स वसूला जाने लगा है. ताखा में आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के से जुड़वा 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 283 किमी की दूरी में 13 टोल प्लाजा बनाए गए हैं.
ताखा के कुदरैल से शुरू होने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर पहला प्रमुख टोल प्लाजा नौ किमी चलने के बाद परूसरामपुर गांव के पास मिलेगा. अगला टोल भरथना इटावा मार्ग पर ककराही में है. इसके बाद करमपुर औरैया में टोल प्लाजा पड़ेगा. किलोमीटर 201 पर जालौन के छिरैया में है. किलोमीटर 174 पर उरई झांसी के लिए उतर सकते हैं. अगला कट 164 में डकोर में है.
किलोमीटर 125 पर हमीरपुर के लिए कट बना है. किलोमीटर 86 पर महोबा कबरई पर कट बनाया गया है. किलोमीटर 55 पर बांदा के चिल्ला फतेहपुर में कट है. किमी 50 पर तिंदवारी बांदा फतेहपुर के लिए कट बना है. किलोमीटर 44 पर बांदा राजपुर पर भी कट बनाया गया है. किलोमीटर 24 पर विसंडा बबेरू अतर्रा के लिए कट बनाया गया. सबसे अतिंम टोल प्लाजा किमी चार पर चित्रकूट के भरतकूप में बनाया गया है.
इस तरह 296 किमी में कुल तेरह जगह वाहनों को चढ़ने उतरने के लिए मार्ग पर बने कट का प्रयोग कर सकेंगे. कुल तेरह प्लाजा में प्रमुख रूप से जो टोल प्लाजा होंगे जो चित्रकूट से चलने पर भरतकूप में किमी चार पर मिलेगा, जबकि आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे से चलने पर ताखा में किमी 287 पर मिलेगा. इन दो टोल प्लाजा पर सभी वाहनों को रुकना पड़ेगा. अन्य प्लाजा पर केवल उन्हीं वाहनों को रुकना पड़ेगा जिन्हें एक्सप्रेस पर या तो चढ़ना होगा या फिर उतरना होगा.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स की दरें भी निर्धारित कर दी गई है आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे से चित्रकूट के लिए जाने यात्रियों को यदि कार से यात्रा कर रहे हैं तो उन्हें ताखा से चित्रकूट के कार के लिए 620 रुपये देने होंगे. यदि उसी दिन वापसी करते हैं तो आने आने के 995 रुपये लगेंगे. बाइक और ट्रैक्टर चालकों को चित्रकूट के लिए 310 रुपये देने होंगे. आने जाने का 495 लगेगा.
दिल्ली-एनसीआर यानी नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ से देश के अन्य बड़े शहरों को जोड़ने का सिलसिला तेजी से चल रहा है. इसी कड़ी में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने गाजियाबाद से कानपुर के बी ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस कॉरिडोर के तैयार होने के बाद दोनों शहरों के बीच आने-जाने में महज 3.30 घंटे का समय लगेगा.
भारत माला परियोजना के तहत बनने वाले इस कॉरिडोर से दोनों औद्योगिक शहर और करीब आ जाएंगे. अभी गाजियाबाद से कानपुर आने-जाने में 6 से 7 घंटे का समय लगता है. इस एक्सप्रेसवे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने वाली कंपनी पहले ही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को 3 विकल्प बताए हैं, जिस पर जुलाई में निर्णय लिया जाएगा. 380 किलोमीटर लंबे से ग्रीन फील्ड हाईवे को NHAI द्वारा ग्रीन हाईवे पॉलिसी के तहत बनाया जाएगा.
इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के तैयार होने से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी, क्योंकि इसकी मदद से राज्य के 10 बड़े शहरों का सफर तय किया जा सकेगा. खास बात है कि इस हाईवे के तैयार होने के बाद गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर महज साढ़े 3 घंटे का हो जाएगा. फिलहाल NH-91 गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ता है व इसकी लंबाई 468 किलोमीटर है. इसके जरिये करीब 8 घंटे का समय लगता है.
यह एक्सप्रेसवे इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा, जो गाजियाबाद कानपुर 2 औद्योगिक शहरों को जोड़ेगा. अधिकारियों के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, उन्नाव और कन्नौज के सीमावर्ती क्षेत्रों से होते हुए गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ेगा.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ने वाले 4 लेन एक्सप्रेसवे होगा, जिसे 6 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है. इस कॉरिडोर में कहां एलिवेटेड, अंडरपास और कहां एंट्री व एग्जिट प्वाइंट होंगे. इसकी जानकारी डीपीआर अप्रूवल के बाद मिलेगी. गाजियाबाद से कानपुर तक का सफर हरियाली से भरा होगा.
इस परियोजना का लक्ष्य यात्रा के समय को कम करना और दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना है. एनएचएआई ने एक्सप्रेसवे के लिए आवश्यक 90% भूमि पहले ही अधिग्रहित कर ली है, और निर्माण जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है. इस परियोजना को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.