Bye-elction : घोसी विधान सभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा, 5 सितंबर को वोटिंग, आठ में होगी मतगणना
Bye-elction : चुनाव आयोग ने 5 सितंबर को घोसी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा की है. उपचुनाव के लिए नामांकन 10 अगस्त से 17 अगस्त तक दाखिल किए जाएंगे. वोटों की गिनती 8 सितंबर को होगी.
लखनऊ. भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission OF India) ने उत्तर प्रदेश की घोसी विधान सभा सीट पर उपचुनाव (Bye-elction) की घोषणा कर दी है. पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के त्यागपत्र देने के कारण खाली हुई इस सीट पर पांच सितंबर को वोट डाले जाएंगे. आयोग ने मंगलवार को सात राज्यों में विभिन्न कारणों से रिक्त हुई विधान सभा सीटों के लिए उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी. इसके साथ ही मऊ में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है. चुनाव आयोग की गाइड लाइन के अनुसार आचार संहिता उस जिला में तत्काल लागू की जानी है जिस जिला की विधानसभा क्षेत्र में मतदान है.
Also Read: UP की राजनीति: ‘ घोसी’ तय करेगी भाजपा में दारा सिंह चौहान- राजभर का कद, पूरब में बढ़ा ‘ कमल ‘ का सुरक्षा घेरा दारा सिंह चौहान के त्याग पत्र से खाली हुई थी सीटमऊ की घोसी विधान सभा सीट से दारा सिंह चौहान समाजवादी पार्टी की टिकट से विधायक चुने गए थे. कुछ दिन पहले वह समाजवादी पार्टी छोडकर भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा में आने से पहले उन्होंने विधान सभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया था, इस कारण यह सीट रिक्त चल रही थी. उपचुनाव के लिए 10 अगस्त से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. 17 अगस्त नामांकन के लिए अंतिम तारीख होगी. 18 अगस्त को नामांकन की स्क्रीनिंग की तारीख तय की गई है. 21 अगस्त को नाम वापस लिया जा सकेगा. पांच सितंबर दिन गुरुवार को मतदान होगा. आठ सितंबर को मतगणना की जाएगी. 10 सितंबर 23 को चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट आयोग ने सभी मतदान केंद्रों पर उप-चुनावों में ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग.करने का निर्णय लिया है पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट उपलब्ध कराए गए हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं.
– चुनावी फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) मतदाता की पहचान का मुख्य दस्तावेज होगा.
– आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड,
– बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक,
– श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड,
– ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड,
– एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट,
– फोटो सहित पेंशन दस्तावेज़,
– केंद्र/राज्य सरकार/पीएसयूएस/सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियां द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र
– सांसद, विधायक, एमएलसीएस को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र
– विशिष्ट विकलांगता आईडी (यूडीआईडी) कार्ड
आपराधिक पृष्ठभूमि के संबंध में जानकारी देनी होगीआपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को प्रचार अवधि के दौरान तीन बार समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों के माध्यम से जानकारी प्रकाशित करना होता है. यदि राजनीतिक दल किसी ऐसे व्यक्ति को टिकट देता है जो आपराधिक पृष्ठभूमि वाला है तो उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में पार्टी की वेबसाइट और समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों पर तीन बार जानकारी प्रकाशित करानी होगी.
मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की तैयारियों की पहली परीक्षा होगी. सपा विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफा देने से यह सीट रिक्त हुई है. दारा सिंह अब फिर से भाजपा में चले गए हैं. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह उपचुनाव हो रहा है. इस उपचुनाव में सपा का ‘पिछड़ा , दलित , अल्पसंख्यक गठजोड़ कितना कारगर होगा यह भी सामने आ जाएगा. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार 1.0 में वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने मंत्री पद छोड़कर साइकिल पर सवार हो गए थे. वर्ष 2017 में मधुबन से . चुनाव जीतने वाले दारा सिंह ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के चुनाव चिह्न पर घोसी सीट से लड़ा और जीता था. दारा सिंह की पूर्वांचल में पिछड़ी जाति में आने वाले लोनिया चौहान बिरादरी में अच्छी पकड़ है. वह अब भाजपा में शामिल हो गए हैं और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी एनडीए का हिस्सा बन गए हैं. ऐसे में सपा को सीट बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी.
हर चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबलाउत्तर प्रदेश के मऊ जिले में घोसी विधानसभा सीट है. यहां हर चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है. शुरू में घोसी सीट पर वामपंथी राजनीति का प्रभाव था. यहां पर मुस्लिम और अनुसूचित जाति के वोटर्स का वर्चस्व है. यादव, राजभर और चौहान भी खास भूमिका निभाते हैं.उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 55.04 प्रतिशत मतदान हुआ.
वोटर की संख्याकुल मतदाता- 4,36,763
पुरुष- 2,34,126
महिला- 2,02,639
घोसी में कब कौन जीता2017 के चुनाव में भाजपा के टिकट से फागू चौहान जीते थे.
1985, 1991, 1996, 2002 और 2007 में भी फागू चौहान जीते थे.
फागू चौहान के बिहार के राज्यपाल बनने पर 2019 में उपचुनाव हुए.
2019 के उपचुनाव में बीजेपी के विजय राजभर को जीत मिली थी.
जातिगत वोट (अनुमानित)मुस्लिम- 85 हजार
अनुसूचित जातियां- 70 हजार
यादव- 56 हजार
राजभर- 52 हजार
चौहान- 46 हजार
ब्राह्मण- 8 हजार