होली के दौरान दुर्घटना या इमरजेंसी होने पर 108 पर करें कॉल, हाई अलर्ट मोड पर रहेगी एंबुलेंस सेवा
कोई दुर्घटना होने, जलने, हार्ट या सांस, लिवर, किडनी, पेट दर्द, स्किन से सम्बंधित समस्या होने, या अन्य कोई भी समस्या होने पर 108 नंबर पर तत्काल सूचना दी जा सकती है. प्रदेश में 108 सेवा की 2200 एंबुलेंस और 102 सेवा की कुल 2270 एंबुलेंस 24 घंटे संचालित हैं.
लखनऊ: किसी भी दुर्घटना या अन्य इमरजेंसी होने पर फ्री एंबुलेंस सुविधा प्राप्त के लिए 108 नंबर पर फोन किया जा सकता है. एंबुलेंस से मदद मांगने वालों को नजदीकी अस्पताल ले जाया जाएगा. होली रंगों का त्योहार है. लेकिन होली के हुड़दंग में बहुत से लोग दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं. इसलिए प्रत्येक वर्ष की तरह उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से संचालित 108 एंबुलेंस सेवा को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.
दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में विशेष ध्यान
उत्तर प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस सेवा प्रदाता संस्था ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि 108 सेवा की सभी एंबुलेंस को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए है. ये एंबुलेंस चिन्हित किए गए कुछ विशेष स्थानों, दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों, हॉट स्पॉट व थानों के नजदीक मौजूद रहेंगी. जिससे आपात स्थिति में आए मरीजों को प्राथमिक इलाज उपलब्ध होने के साथ ही जल्द से जल्द निकटतम अस्पताल पहुंचाया जा सके. जिससे उनकी जान बचाई जा सके.
जीवनरक्षक दवाएं और प्रशिक्षित स्टाफ भी रहेगा
टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि कोई दुर्घटना होने, जलने, हार्ट या सांस, लिवर, किडनी, पेट दर्द, स्किन से सम्बंधित समस्या होने, या अन्य कोई भी समस्या होने पर 108 नंबर पर तत्काल सूचना दी जा सकती है. 108 एंबुलेंस जल्द से जल्द मौके पर पहुंचकर सेवा देगी. सभी एंबुलेंस में जीवन रक्षक दवाओं के साथ इमरजेंसी सुविधाएं व प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध है.
महिलाओं व बच्चों के लिये 102 एंबुलेंस रहेगी अलर्ट
102 एम्बुलेंसों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. त्योहार के दौरान गर्भवती महिलाओं व 2 साल तक बच्चों को सेवाएं देने के लिए 102 एंबुलेंस सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी. प्रदेश में 108 सेवा की 2200 एंबुलेंस और 102 सेवा की कुल 2270 एंबुलेंस 24 घंटे संचालित हैं.
24 घंटे मिलेगा इलाज
होली पर शहर के अस्पतालों में अलर्ट जारी किया गया है. घायलों के इलाज के लिये इमरजेंसी, सामान्य व आईसीयू वार्ड में 100 से अधिक बेड अस्पतालों ने आरक्षित किये गये हैं. सभी अस्पतालों ने इमरजेंसी नंबर जारी किये हैं. घायलों के लिए अलग से वार्ड बनाये गए हैं.