लखनऊ: बिना लाइसेंस कुत्ता पालने वालों के खिलाफ चला अभियान, IAS-IPS से भी वसूले गए जुर्माने में 5-5 हजार
राजधानी में नगर निगम ने पेट डॉग लाइसेंस चेकिंग अभियान चलाया गया, जिसके तहत पशु कल्याण अधिकारी ने विभिन्न स्थानों पर चेकिंग की. चेकिंग में पाया गया कि पॉश इलाकों में मौजूदा और रिटायर्ड अफसरों के घरों में भी ऐसे कुत्ते पाले जा रहे हैं. इस दौरान 11 लोगों से 46000 रुपये वसूले गए.
Lucknow : राजधानी लखनऊ में कई लोगों को बिना लाइसेंस के कुत्ता पालना डॉग लवर्स को महंगा पड़ गया. नगर निगम ने गुरुवार को पेट डॉग लाइसेंस चेकिंग अभियान चलाया, जिसके तहत पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा टीम के साथ शहर के विभिन्न स्थानों पर गए और चेकिंग की. इस दौरान 11 लोगों से 46000 रुपये वसूले गए, जो बिना लाइंसेस के कुत्ता पाले हुए थे. वहीं, पॉश इलाकों में रहने वाले ऊंचे ओहदों पर बैठे या फिर रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस अफसरों के यहां भी बिना लाइसेंस के कुत्ते मिले हैं. नगर निगम ने इन सभी से 5-5 हजार रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले हैं.
कुत्तों की लाइसेंस चेकिंग का यह अभियान अपर नगर आयुक्त के निर्देश पर पशु कल्याण अधिकारी ने चलाया था. इसमें गोमतीनगर, बटलर पैलेस, गोखले मार्ग, महाराणा प्रताप मार्ग, डालीबाग कॉलोनी, पार्क रोड, हजरतगंज के अलावा गोमतीनगर के विपुल खंड, विशाल खंड, पत्रकारपुरम चौराहे इलाके में चला. जब अफसरों के घरों में बिना लाइसेंस वाले कुत्ते पाए गए तो अफसरों और उनके परिवार ने टीम पर दबाव बनाने की कोशिश की. हालांकि, यह दबाव काम नहीं आया और उन्हें जुर्माना अदा करना पड़ा.
कुत्ता भी हो सकता है जब्त
पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि 11 घरों में बिना लाइसेंस के पालतू कुत्ते मिले. यह पेट डॉग लाइसेंस चेकिंग अभियान 24 जून तक चलेगा. वर्तमान में विदेशी और उनके क्रॉस डॉग की लाइसेंस फीस 1000 रुपये है. वहीं देसी नस्ल के डॉग की लाइसेंस फीस 200 रुपये है. अभी तक लखनऊ नगर निगम की ओर से मात्र 2040 लाइसेंस ही बने हैं, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 8000 लाइसेंस बन गए थे. बताया कि लाइसेंस चेकिंग के दौरान जुर्माना न जमा करने की स्थिति में कुत्ते को जब्त करने की कार्यवाही भी की जा सकती है.
काटने की स्थिति में मालिक पर होगा मुकदमा
अगर आपने कोई पालतू जानवर रखा है. नगर निगम में उसका रजिस्ट्रेशन नहीं है और उसने किसी को काट लिया, तो मालिक पर मुकदमा दर्ज हो जाता है. नगर निगम में रजिस्ट्रेशन है, तो आप मुकदमेबाजी और इस तरह के कानूनी पचड़े से भी बच सकते हैं. मौजूदा समय देसी कुत्ते के 200 और विदेशी नस्ल के लिए 1000 रुपए का रजिस्ट्रेशन फीस देना होता है.