लखनऊ यूनिवर्सिटी और AKTU के स्टूडेंट्स की नौकरी-पढ़ाई के लिए कनाडा बना पहली पसंद, 471 ट्रांसक्रिप्ट हुए जारी
लखनऊ यूनिवर्सिटी और एकेटीयू के विद्यार्थियों ने विदेश में नौकरी और पढ़ाई के लिए सबसे अधिक कनाडा को ही चुना है. लखनऊ यूनिवर्सिटी के 162 और एकेटीयू के 255 विद्यार्थियों ने कनाडा जाने के लिए ट्रांसक्रिप्ट बनवाई है.
लखनऊ यूनिवर्सिटी और एकेटीयू से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को कनाडा पहली पसंद बनता जा रहा है. विदेश में नौकरी और पढ़ाई के लिए सबसे अधिक कनाडा को ही चुना है. बीते एक वर्ष में नौकरी और पढ़ाई के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी के 162 और एकेटीयू के 255 विद्यार्थियों ने कनाडा जाने के लिए ट्रांसक्रिप्ट बनवाई है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि कनाडा में न सिर्फ जॉब्स की बहुत संभावनाएं हैं बल्कि एजुकेशन और जॉब्स पॉलिसी भी सॉफ्ट हैं, इसलिए छात्र-छात्राओं का झुकाव कनाडा के तरफ सबसे ज्यादा है.
विदेशों में नौकरी से लेकर वीजा, किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश और निवास के लिए ट्रांसक्रिप्ट की जरूरत होती है. लखनऊ यूनिवर्सिटी में ट्रांसक्रिप्ट के लिए छात्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकता है. यूनिवर्सिटी द्वारा आवेदन की तिथि से एक सप्ताह के भीतर ट्रांसक्रिप्ट जारी कर दी जाती है. ट्रांसक्रिप्ट छात्र को हाथों हाथ और ईमेल दोनों माध्यमों से दी जाती है.
लखनऊ यूनिवर्सिटी में 26 जुलाई, 2022 से 11 अगस्त, 2023 तक कुल 179 विद्यार्थियों की ट्रांसक्रिप्ट जारी की गई है. इसमें 162 विद्यार्थियों ने कनाड़ा के लिए ट्रांसक्रिप्ट ली है. यूएसए के लिए 06, नास्बा के लिए 04, न्यूयार्क के लिए 02 और साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, बर्लिंग्टन, ऑक्सफोर्ड, वाटरटाउन के लिए एक-एक छात्रों ने ट्रांसक्रिप्ट जारी करवाई है. एकेटीयू से जनवरी और फरवरी माह में ही 255 विद्यार्थियों ने कनाडा के लिए ट्रांसक्रिप्ट बनवाई है.
क्या है ट्रांसक्रिप्ट यहां जानें
शैक्षिक ट्रांसक्रिप्ट एक अधिकारीक दस्तावेज होता है, जिसमें विद्यार्थी की शैक्षिक योग्यता की जानकारी होती है. यह दस्तावेज विद्यार्थियों के शिक्षण संस्थान से मिलता है. ट्रांसक्रिप्ट में विद्यार्थियों की कक्षाएं, ग्रेड, अंक और अन्य शैक्षिक विवरण शामिल होते हैं. यह विदेश में स्कॉलरशिप, नौकरी के लिए आवेदन और शिक्षा के लिए आवश्यक होती है. शैक्षिक ट्रांसक्रिप्ट का उपयोग शैक्षिक प्रगति और योग्यता को प्रमाणित करने में होता है.
कोविड के बाद बढ़ी ट्रांसक्रिप्ट लेने वालों की संख्या
लखनऊ यूनिवर्सिटी में कोविड के पहले ट्रांसक्रिप्ट के लिए आवेदनों की संख्या प्रति वर्ष 50 से भी कम थी. कोरोना काल के बाद से ट्रांसक्रिप्ट बनवाने वाले छात्रों में बढ़ोतरी देखी गई. साल 2020 में 602, 2021 में 656 और 2022 में 690 डिग्रीधारकों को ट्रांसक्रिप्ट जारी हुई.
यूनिवर्सिटी प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ यूनिवर्सिटी से कनाडा के लिए सबसे ज्यादा ट्रांसक्रिप्ट जारी हुई हैं. अन्य देशों के लिए भी जारी की जाती हैं. ट्रांसक्रिप्ट के बढ़ते आवेदनों की संख्या के मद्देनजर यूनिवर्सिटी में पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है. इसके लिए छात्र ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. आवेदन की तिथि से एक सप्ताह के भीतर ट्रांसक्रिप्ट जारी कर दी जाती है. वहीं, एकेटीयू पीआरओ डॉ. पवन कुमार त्रिपाठी का कहना है कि यूनिवर्सिटी में जनवरी और फरवरी महीने में 255 लोगों ने कनाडा के लिए ट्रांसक्रिप्ट बनवाई है. नौकरी के लिए अच्छा माहौल होने के कारण विद्यार्थी वहां जाना पसंद करते हैं.