लखनऊ: ट्रेन में ज्वलनशील वस्तुओं को लेकर चलने में प्रतिबंध है. इसके बावजूद पुनालुर-मदुरै एक्सप्रेस में सिलेंडर लेकर लोग चल चल रहे थे. जिससे कोच में आग लग गयी और कई लोगों की मौत हो गयी. रेलवे अधिनियम के अनुसार ज्वलनशील वस्तुएं और विस्फोटक ले जाना दंडनीय अपराध है. इसके तहत कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है.
रेलवे अधिनियम के अनुसार ट्रेन में गैस सिलेंडर, पटाखे, एसिड, केरोसिन, पेट्रोल, थर्मिक वेल्डिंग, स्टोव जैसे ज्वलनशील सामान और विस्फोटक नहीं ले जाया जा सकता है. रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 67,164 और 165 के तहत ये दंडनीय अपराध है. इसे रोकने के लिये रेलवे मैनुअल के पैरा 9 के अनुसार निजी पर्यटक दलों को एक लिखित घोषणा देनी होगी कि वे अपनी यात्रा के दौरान कोई भी ज्वलनशील वस्तु नहीं ले जाएंगे.
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रेलवे पीआरओ के अनुसार मदुरै यार्ड में स्थित एक प्राइवेट पार्टी टूरिस्ट कोच में हुई अग्नि दुर्घटना मामले में प्राइवेट पार्टी ने भी इस आशय की घोषणा की थी. इसके बावजूद निजी पक्ष ने अवैध रूप से गैस सिलेंडर, स्टोव और अन्य ज्वलनशील वस्तुएं अपने साथ रखी. जिसके कारण भीषण आग लग गई.
रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 67,164 और 165 के तहत ये दंडनीय अपराध है. यदि ट्रेन में गैस सिलेंडर, पटाखे, एसिड, केरोसिन, पेट्रोल, थर्मिक वेल्डिंग, स्टोव जैसे ज्वलनशील सामान और विस्फोटक ले जाते हैं, तो जेल और जुर्माना दोनों को सकता है. इस एक्ट का उल्लंघन करते पाये जाने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है.