लखनऊ. सरकार का किसान क्रेडिट कार्ड योजना को शुरू करने का उदेश्य किसानों की खेती संबधित खर्च के लिए बैंक के माध्यम से बहुत कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाना है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारी इस योजना का लाभ देने के लिए किसानों से रिश्वत ले रहे हैं. ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुलंदशहर में एक किसान से उसके खाते में ऋण राशि जमा करने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में एक बैंक के फील्ड अधिकारी सह कृषि अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है.
सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की गाजियाबाद इकाई ने इस महीने की शुरुआत में 6 जून को भ्रष्टाचार रोकथाम (पीसी) अधिनियम की धारा 7 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. गुरुवार को सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि बुलंदशहर जिले की यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की सिकंदराबाद शाखा के फील्ड ऑफिसर सह कृषि अधिकारी सुरेंद्र कुमार के खिलाफ एक नरसिंह सोलंकी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
प्राथमिकी में, शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे अपने मोबाइल फोन पर 5 जून को 2.43 लाख के किसान क्रेडिट कार्ड ऋण की निकासी के बारे में एक संदेश मिला और आरोपी ने अपने खाते में राशि जमा करने के लिए 20,000 रुपये की रिश्वत की मांग की.
यूपी में किसान से रिश्वत मांगने का यह नया केस नहीं हैं. सरकार की भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसियां समय- समय पर कार्रवाई करती रही हैं.किसान से रिश्वत लेने पर सीबीआई की टीम ने बैंक में छापा मारा था. 30 जुलाई 2022 को किसान क्रेडिट कार्ड बनाने की एवज में किसान से आठ हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में यूपी प्रथमा ग्रामीण बैंक मिश्रीपुर (कांठ) मुरादाबार ब्रांच में सीबीआई ने छापा मारा था. आरोपित फील्ड अफसर को गिरफ्तार किया गया था.