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आज से लखनऊ में केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम, विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर होगा मंथन, क्या टलेगा यूपी चुनाव?

यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने आज चुनाव आयोग की टीम लखनऊ पहुंच रही है. आयोग की टीम 28 से 30 दिसंबर के बीच चुनावी समीक्षा के लिए यूपी दौरे है

By Prabhat Khabar News Desk | December 28, 2021 12:54 PM

UP Chunav 2022: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर चुनाव आयोग कभी भी तारीखों का ऐलान कर सकता है. दरअसल, चुनाव आयोग की टीम यूपी में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने लखनऊ आ चुकी है. मिली जानकारी के मुताबिक, आयोग समीक्षा करने के तुरंत बाद तारीखों का ऐलान कर सकता है.

चुनावी तैयारियों का जायजा लेगी टीम

आयोग के अधिकारी आज से 30 दिसंबर तक लखनऊ में रहेंगे. इस दौरान चुनावी तैयारियों की जानकारी लेंगे और राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों से भी स्थिति का जायजा लेंगे. इसके बाद संभवत: आयोग विधानसभा चुनाव की ताऱीखों का ऐलान कर सकता है.

जल्द होगा चुनाव की तारीखों का ऐलान

आज मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चन्द्र पांडेय समेत कुल 13 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम लखनऊ पहुंच रही है. टीम के अधिकारी राजनीति दलों से चर्चा करने के बाद, कमिश्नर, डीएम, आइजी, एसएसपी, समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव की तैयारियों की स्थित का जायजा लेंगे. इसके बाद मंडल स्तर पर अधिकारियों के साथ समीक्षा होगी.

क्या टलेगा यूपी विधानसभा चुनाव?

दरअसल, कोरोना के नए वैरिएंट औमिक्रॉन के चलते पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव पर संकट मंडरा रहा है. कोर्ट ने भी अपनी एक टिप्पणी में चुनाव टालने पर विचार करने के लिए कहा है. इस बीच चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच अहम बैठक हुई. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोरोना के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया उपायों और इन राज्यों में टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की. इस मीटिंग में भारत निर्वाचन आयोग ने वैक्सीनेशन बढ़ाने की सलाह दी है. इसे स्पष्ट हो जाता है कि युपी में चुनाव नहीं टलेंगे.

उत्तर प्रदेश में 6 से 8 फेज में चुनाव?

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार यूपी में 6 से 8 फेज में चुनाव कराए जा सकते हैं. यूपी में फरवरी और मार्च के बीच में चुनाव सपन्न होने हैं. फिलहाल, चुनाव की तारीखों के ऐलान और आचार संहिता लगने से पहले सभी राजनीतिक पर्टियां चुनावी रैली और जनसभा के जरिए अधिक से अधिक वोटरों को अपने पाले में लाने में जुटी हुई हैं.

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