लखनऊ. राज्य अपने विकास- कल्याण संबंधी योजनाओं के लिए संसाधन उपलब्ध करा सकें इसके लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को केंद्रीय करों की शुद्ध आय में से राज्यों की हिस्सेदारी कर विचलन (टैक्स डिवॉल्यूशन ) की एडवांस किस्त जारी कर दी है. यानि भारत सरकार ने केंद्रीय करों की शुद्ध आय में से राज्यों की हिस्सेदारी का भुगतान कर दिया है. इस मद से उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक धनराशि प्राप्त हुई है. दूसरे नंबर पर बिहार है.
केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्य सरकारों को कर विचलन (टैक्स डिवॉल्यूशन )की तीसरी किस्त के 1,18,280 करोड़ रुपये जारी कर दिए. हालांकि सामान्य मासिक हस्तांतरण 59,140 करोड़ रुपये था. केंद्र सरकार का कहना है कि 1,18,280 करोड़ रुपये राज्यों को संघीय करों के मासिक हस्तांतरण स्थानांतरण का एक हिस्सा है, हालांकि, यह राशि 59,140 करोड़ रुपये के मासिक विचलन से अधिक थी.
भारत सरकार की ओर से जानकारी दी गयी है कि “जून 2023 में देय नियमित किस्त के अलावा एक अग्रिम किस्त राज्यों को जारी की जा रही है ताकि वे पूंजीगत व्यय में तेजी ला सकें. अपने विकास- कल्याण संबंधी व्यय को वित्तपोषित कर सकें. प्राथमिकता वाली परियोजनाओं- योजनाओं के लिए संसाधन उपलब्ध करा सकें.इसमें से उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक 21,218 करोड़ रुपये, उसके बाद बिहार को 11,897 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 9,285 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल को 8,898 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र को 7,472 करोड़ रुपये मिले.
संविधान के अनुच्छेद 280 (3) (ए) में निर्धारित वित्त आयोग के मुख्य कार्यों में से एक संघ और राज्यों के बीच करों की शुद्ध आय के वितरण के संबंध में सिफारिशें करना है. यह किसी भी वित्त आयोग का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, क्योंकि केंद्रीय करों की शुद्ध आय में राज्यों का हिस्सा केंद्र से राज्यों को संसाधन हस्तांतरण का प्रमुख माध्यम है.