Loading election data...

UP Chunav 2022: कांग्रेस को ‘अपनों’ पर नहीं, ‘दलबदलुओं’ पर है भरोसा, कैसे बचेगा ‘गढ़’?

UP Chunav 2022: कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली और अमेठी में पार्टी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. यहां कांग्रेस के अधिकाश नेताओं ने अब दूसरे दलों का दामन थाम लिया है, जिसके चलते अब पार्टी ने दलबदलुओं को चुनावी मैदान में उतारा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 6, 2022 3:18 PM

UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस अपनी खोयी हुई सियासी जमीन को दोबारा पाने की कोशिश में लगी हुई है. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने इस बार ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा दिया है. उन्होंने 40 प्रतिशट टिकट भी महिलाओं को दिए हैं. इसी बीच कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली और अमेठी में पार्टी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं.

कांग्रेस के सामने ‘दुर्ग’ बचाने की चुनौती

दरअसल, रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस के स्थानीय नेता अब दूसरे दलों का दामन थाम चुके हैं. कांग्रेस ने दोनों जिलों की अधिकांश सीटों पर दूसरे दल से आए नेताओं को टिकट दिया है. यहां की 10 सीटें ऐसी है, जिसे कांग्रेस का दुर्ग कहा जाता है. ऐसे में इस बार कांग्रेस के सामने अपने दुर्ग को बचाने की कठिन चुनौती होगी.

Also Read: UP Election 2022: BJP की Aditi Singh के सामने कांग्रेस के मनीष चौहान, दिलचस्प हुई रायबरेली सदर की लड़ाई?
रायबरेली और अमेठी में 2012 से कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें

रायबरेली और अमेठी में 2012 से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़नी शुरू हुई. 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराकर कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया. वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह ने भी भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. 2017 में रायबरेली में दो सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई थी. अदिति सिंह के अलावा हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र से राकेश सिंह जीते थे. लेकिन अब वे भी बीजेपी के साथ आ चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने अपने गढ़ को बचाने की कड़ी चुनौती है.

Also Read: UP Election 2022: वोट भर्ती निकालने वालों को दें, गर्मी और चर्बी निकालने वालों को नहीं- प्रियंका गांधी
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी

  • हरचंदपुर- सुरेंद्र विक्रम सिंह

  • सरेनी- सुधा द्विवेदी

  • बछरावां- सुशील पासी

  • ऊंचाहार- अतुल सिंह

  • रायबरेली सदर- डॉ. मनीष सिंह चौहान

  • सलोन- अर्जुन पासी

कांग्रेस के ‘अपनों’ ने छोड़ा साथ

बता दें, सुरेंद्र विक्रम सिंह पहले समाजवादी पार्टी में थे. बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए. इसी तरह सुधा द्विवेदी और अतुल सिंह बीजेपी से कांग्रेस में आए हैं. रायबरेली सदर से प्रत्याशी मनीष सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि उनकी कोई राजनीतिक जमीन नहीं है. वहीं अर्जुन पासी का जिला ईकाई पहले ही विरोध कर चुकी है.

अमेठी में कांग्रेस की होगी ‘अग्नि परीक्षा’

अमेठी की बात करें तो यहां की चार सीटों में से दो सीटों पर 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. जगदीश सीट से प्रत्याशी राधेश्याम का टिकट इस बार काट दिया गया है. उनकी जगह विजय पासी को प्रत्याशी बनाया गया है. विजय पासी 2012 में सपा की ओर से चुनाव लड़े थे. उन्हें राधेश्याम से हार का सामना करना पड़ा. वहीं, गौरीगंज से प्रत्याशी नईम ने अब सपा का दामन थाम लिया है. उन्हें तिलोई से सपा ने प्रत्याशी बनाया है. जबकि अमेठी से पिछला चुनाव लड़ीं अमिता सिंह भी बीजेपी के साथ आ गई है.

Also Read: UP Election 2022 : अदिति सिंह, अपर्णा यादव और प्रियंका मौर्य ने लिया संकल्प, अबकी बार भाजपा सरकार

Posted By: Achyut Kumar

Next Article

Exit mobile version