UP News: ‘चाँदपुर की चंदा’ ने अतुल को युवा, ‘कौतुक ऐप’ ने सूर्यनाथ सिंह को दिलाया बाल साहित्य पुरस्कार
साहित्य अकादमी ने वर्ष 2023 के लिए युवा और बाल साहित्य पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. उत्तर प्रदेश से हिंदी के लिए युवा पुरस्कार अतुल कुमार राय के उपन्यास ‘चाँदपुर की चंदा’ को चुना गया है. वही, हिंदी में बाल साहित्य के लिए सूर्यनाथ सिंह की पुस्तक ‘कौतुक ऐप’ का चयन किया गया है.
Lucknow : साहित्य अकादमी ने वर्ष 2023 के लिए युवा और बाल साहित्य पुरस्कारों की घोषणा कर दी है. उत्तर प्रदेश से युवा पुरस्कार के लिए अतुल कुमार राय और बाल साहित्य के लिए सूर्यनाथ सिंह को नाम की घोषणा की गई है. हिंदी के लिए युवा पुरस्कार अतुल कुमार राय के उपन्यास ‘चाँदपुर की चंदा’ को चुना गया है. वही, हिंदी में बाल साहित्य के लिए सूर्यनाथ सिंह की पुस्तक ‘कौतुक ऐप’ का चयन किया गया है.
अतुल कुमार राय को साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2023
बलिया जिले के दुबहर ब्लाक के भुइली निवासी अतुल कुमार राय ने बीएचयू से संगीत की शिक्षा ली है. हालांकि, सोशल मीडिया पर लिखते-लिखते युवा लेखक अतुल ने कब संगीत से साहित्य का रुख कर लिया, खुद उन्हें भी नहीं पता. अब उनकी साहित्यिक लेखन क्षमता पर मुहर भी लग गई है. इस वर्ष के युवा साहित्य अकादमी पुरस्कारों के लिए हिन्दी की श्रेणी में अतुल कुमार राय के उपन्यास चांदपुर की चंदा को चयनित किया गया है. साहित्य में गहरी रुचि अतुल को खींचकर मुंबई ले गई. जहां वे फिलहाल फिल्मों में संवाद लेखन कर रहे हैं.
अतुल ने 2018 में ‘चांदपुर की चंदा’ को लिखना प्रारंभ किया था. जिसे कोरोना काल के लॉक डाउन में पूरा किया. विभिन्न सामाजिक सरोकारों को समेटे इस उपन्यास में अतुल ने बड़े ही बारीकी से बेटियों की शिक्षा में आड़े आने वाली समस्याओं को उकेरा है. शायद यह वजह है कि अतुल के इस उपन्यास को काफी सराहना मिली. बड़े-बड़े आलोचकों ने उपन्यास ‘चांदपुर की चंदा’ की समीक्षा लिखी है.
साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार 2023
वहीं, साहित्य अकादमी ने हिंदी भाषा में बाल साहित्य पुरस्कार 2023 के लिए वरिष्ठ लेखक सूर्यनाथ सिंह की पुस्तक ‘कौतुक ऐप’ का चयन किया है. ‘कौतुक ऐप’ बाल कहानी संग्रह है और इसे नेशनल बुक ट्रस्ट ने प्रकाशित किया है. सूर्यनाथ सिंह पत्रकार और लेखक हैं. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से तालीम हासिल की है.
सूर्यनाथ सिंह को हिंदी अकादमी दिल्ली के बाल एवं किशोर साहित्य सम्मान, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग के भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. सूर्यनाथ सिंह की चर्चित कृतियों में कुछ रंग बेनूर (कहानी संग्रह), चलती चाकी (उपन्यास), बरफ के आदमी, बिजली के खंभों जैसे लोग, सात सूरज सत्तावन तारे और कसम फिर से खाई जैसी पुस्तकें शामिल हैं.