लखनऊ. प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिसे नये शैक्षिक सत्र की पाठ्य पुस्तक मिली हैं कि नहीं. रजिस्टर में दर्ज छात्र-छात्राओं में कितने स्कूल आए. मिड- डे- मील कैसा बन रहा है. शिक्षक समय से आते हैं कि नहीं. आते हैं तो कितनी देर और कैसा पढ़ाते हैं. इन मानकों को परखने के लिये राज्यव्यापी चेकिंग शुरू की जा रही है. एक पखवाड़े (13-31 मार्च) तक चलने वाली इस चेकिंग अभियान के लिये टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है.महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द के इस आदेश पर अमल करने के लिए सभी बेसिक जिला शिक्षा अधिकारियों (BSA) ने अपने- अपने जिला की कार्ययोजना तैयार कर ली है.
राज्य स्तरीय चेकिंग में जिन अधिकारियों को लगाया गया है वह अपनी मनमानी नहीं कर पायेंगे. किस अधिकारी को किस दिशा में जाना है यह निर्देश ऊपर के अधिकारी से मिलेंगे. जिला समन्वय और खंड शिक्षा अधिकारी (बीइओ) को बीएसए चेकिंग रूट देंगे. चेकिंग करने वाले अधिकारी किसी के साथ भेदभाव न कर सकें इसके लिये स्कूल पहुंचकर तत्काल प्रेरणा निरीक्षण माड्यूल पर जानकारी आनलाइन कर देंगे. रोजाना रिपोर्ट तैयार कर बीएसए को सौंपनी होगी. बीएसए आनलाइन माध्यम से मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को भेजेंगे.
निरीक्षण करने वाले अधिकारी को प्रतिदिन चार स्कूलों का निरीक्षण करना होगा. बीइओ और डिस्ट्रिक कोआर्डिनेटर जिला मुख्यालय पहुंचना होगा. वहां सभी को चार – चार ब्लाकों की सूची दी जायेगी. निरीक्षण उन्हीं चार ब्लाक के एक- एक स्कूल का करना होगा. अधिकारियों को पठन- पाठन के अलावखाद्यान्न , अभिलेख, विद्यालय में साफ- सफाई, शौचालय आदि की स्थिति पर निरीक्षण रिपोर्ट देनी है.