Lucknow News: चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट (अमौसी) पर बुधवार को केमिकल अटैक की सूचना एनडीआरएफ को मिली थी. सूचना मिलते ही एनडीआरएफ लखनऊ की टीम एयरपोर्ट पहुंच गई. वहां पहुंचकर टीम ने पता लगाना शुरू किया कि अटैक किस तरह का है, उससे सबसे अधिक प्रभावित कौन सा क्षेत्र हैं और वहां कितने लोग उसकी चपेट में है.
एनडीआरएफ की टीम ने एयरपोर्ट अथॉरिटी, सीआईएसफ के साथ मिलकर केमिकल, बॉयोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लियर (सीबीआरएन) अटैक से संबंधित जांच की. एक टीम ने आपदा के दौरान घायल व चोटिल व्यक्तियों के बचाव का कार्य शुरू किया और उन्हें एंबुलेंस तक पहुंचाया. लेकिन यह पूरी कवायद एक मॉक ड्रिल (अभ्यास) थी.
एनडीआरएफ के कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में इस मेगा मॉक ड्रिल का मकसद था कि किसी भी केमिकल, बायोलॉजिकल आपदा के दौरान घायल व चोटिल व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा कैसे की जाए.
सभी रिस्पॉंस एजेंसियों की कार्यप्रणाली की जांच जाए. साथ ही सभी स्टेक होल्डर्स के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना भी इसका मकसद था. जिससे खोज, राहत व बचाव कार्य के संचालन में आने वाली कमियों की समीक्षा कर उन्हें दूर किया जा सके.
मेगा मॉक ड्रिल का नेतृत्व कर रहे उप कमांडेंट नीरज कुमार ने बताया कि लखनऊ टीम के 35 सदस्यों ने इस पूरे अभ्यास में बेहतरीन समन्वय का प्रदर्शन किया. जिसमें केमिकल और बॉयोलोजिकल आपदाओं से होने वाली दुर्घटनाओं से निपटने के लिए आपसी समन्वय से जल्द से कार्रवाई करने वाली प्रणाली को विकसित किया जा सके. उन्होंने बताया कि समय-समय पर इस तरह के मॉक अभ्यास से लोगों के जीवन की रक्षा की जा सकेगी.
मेगा मॉक ड्रिल के दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी लखनऊ के निदेशक सुरेश चंद होता, एयरपोर्ट हिंदुस्तान पेट्रोलियम के मुखिया नरेंद्र प्रसाद मिश्र, सीआईएसएफ के कमांडेंट पीपी सिंह सहित पूरा स्टाफ मौजूद था. एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर मिथलेश कुमार, बिनय कुमार, सब इंस्पेक्टर अजय सिंह, जितेंद्र कुमार आदि ने इस दौरान बेहतरीन समन्वय का प्रदर्शन किया.