Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि श्रद्धेय बाबा साहब का संपूर्ण जीवन समतामूलक समाज की स्थापना व लोक-कल्याण के लिए समर्पित रहा. बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी ने कहा था कि हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं. इस मौके पर उन्होंने ऐलान किया कि निर्माणाधीन आंबेडकर स्मारक में शोध करने वाले छात्रों को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति दी जाएगी. सीएम योगी ने कहा कि जो लोग भारत को कोसते हैं वह बाबा साहब का भी अपमान करते हैं. दुनिया में जब भी दबे-कुचले समाज के उत्थान की बात आती है तो बाबा साहब का नाम याद आता है. हमने समाज को जाति के आधार पर नहीं बांटा बल्कि गरीब, दलित, कमजोर वर्ग के विकास पर ध्यान दिया. हर गरीब और वंचित को प्रधानमंत्री आवास और शौचालय की सुविधा का लाभ मिलना चाहिए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबा साहब का मिशन, देश का मिशन है, वह व्यक्ति का मिशन नहीं है, भारत की मजबूती का मिशन है, एकता और अखंडता का मिशन है,भारत को दुनिया की एक ताकत बनाने का मिशन है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार चेहरा देखकर लाभ देती थी. दलितों और गरीबों के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंकी जाती थी. लेकिन, करते कुछ नहीं थे. बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के सपनों को सही मायने में अंगीकार करने का काम अगर किसी ने किया है तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. जो लोग भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं वह बाबा साहब का अपमान करते हैं. यह सरकार हर गरीब और दलित के साथ खड़ी है.सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज हर गरीब और दलित को आवास और राशन कार्ड की सुविधा दी गई है. किसी प्रकार का छुआछूत नहीं हो इस मिशन पर काम कर रहे हैं. प्रत्येक गरीब को आवास दिलाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. श्रमिकों के बच्चों के लिए कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर अटल आवासीय विद्यालय बनाया गया है. हर जिले में परिनिर्वाण दिवस के कार्यक्रम हो रहे हैं बाबा साहब के संकल्प से लोगों को जोड़ रहे हैं.
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इस मौके पर आंबेडकर महासभा के लालजी निर्मल ने कहा कि आज पूरी दुनिया में डॉ. आंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है. महासभा भी 32 साल से आयोजन कर रही है. महासभा दलितों की लाइफ लाइन है. महासभा के मंच से ही पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की गई थी. इसी मंच से हरिजन शब्द प्रतिबंधित किया गया था. कुशीनगर में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा लगनी थी. लेकिन, अखिलेश यादव ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति की सूची में समय-समय पर कुछ जातियों को शामिल किया जाता है. उस पर आपत्ति नहीं हैं, जिन जातियों को शामिल किया जाता है. उससे पहले यह ध्यान दिया जाए कि क्या वह जाति छुआछूत का शिकार रही हैं. उन्होंने कहा कि लखनऊ में बन रहे आंबेडकर स्मारक को लीज पर आंबेडकर महासभा को दे दिया जाए.
इस मौके पर समाज कल्याण मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने कहा कि अक्सर यह गलती होती है कि बाबा साहब को सामाजिक न्याय का पुरोधा बताया जाता है. लेकिन, बाबा साहब ने श्रमिक कल्याण के लिए भी बहुत काम किया. अखिलेश यादव बाबा साहब से माभी मांगें. माफी मिलने के बाद जय भीम का नारा लगाने की बात सोचें. जब अखिलेश को ताकत मिली तो उन्होंने दलित वर्ग के लिए क्या किया. बाबा साहब से प्रेरणा मिलती है कि हम सदैव छात्र बनकर सीखते रहे. बाबा साहब सही मायने ने विश्व गुरु थे. उन्होंने कहा कि आज हम सबके लिए बाबा साहब के जीवन से प्रेरणा लेने का दिन है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकल्प लिया है कि यूपी को विकसित राष्ट्र की तरह बनाना है. राजस्थान में योगी जैसा सीएम ढूंढा जा रहा है यह हमारे लिए गौरव की बात है. वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए हर घर की आय को तीन से चार गुना बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने वोट का अधिकार दिया है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने बुधवार को कहा कि लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा व देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित हैं.
उन्होंने कहा कि देश के 81 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा ना यह आजादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद है. उन्होंने कहा कि देश में रोटी-रोजी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपए होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिन्तनीय, जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी.