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Teachers Day: यूपी में दो लाख शिक्षकों को टैबलेट का तोहफा देंगे सीएम योगी, बीआरसी में स्थापित होगी आईसीटी लैब

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा के विद्यालयों को इन दिनों तेजी से निपुण भारत मिशन के तहत अपडेट किया जा रहा है, ताकि शिक्षा में गणुवत्ता के लक्ष्य को समय से प्राप्त किया जा सके. ऐसे में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को टैबलेट मिल जाने से डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने में गति मिलेगी.

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार 2.09 लाख शिक्षकों को टैबलेट का तोहफा देगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) मंगलवार को परिषदीय स्कूलों में टैबलेट वितरण कार्य का शुभारंभ करेंगे. बेसिक शिक्षा विभाग में डिजिटल पठन-पाठन व कार्य प्रणाली को बढ़ावा देने की दिशा में इसे योगी आदित्यनाथ सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है.

उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 12 तरह के रजिस्टर को डिजिटल कर दिया गया है. ऐसे में 2.09 लाख शिक्षकों को विभिन्न स्कूलों में टैबलेट देने से ऑनलाइन सूचनाएं प्राप्त करना आसान होगा. इसके जरिए रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो सकेगा और विभिन्न कार्यों को लेकर सुविधा होगी. टैबलेट मिलने के बाद उपस्थिति, मिड डे मील व सहित अन्य जानकारी इसी के माध्यम से शिक्षक ऑनलाइन उपलब्ध कराएंगे.

दरअसल प्रदेश में 18,381 परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों, कंपोजिट विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाई जाएगी. यहां विद्यार्थियों को रोचक ढंग से ग्राफ व चित्रों के माध्यम से पाठ पढ़ाया जाएगा. वहीं 2,09863 शिक्षकों को टैबलेट भी दिए जाएंगे. वहीं प्रत्येक ब्लॉक संसाधन केंद्र (बीआरसी) पर इनफार्मेशन-कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) लैब की भी स्थापना की जाएगी. शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य अध्यापक पुरस्कार सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन योजनाओं का शुभारंभ करेंगे.

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बेसिक के विद्यालयों को इन दिनों तेजी से निपुण भारत मिशन के तहत अपडेट किया जा रहा है, ताकि इसके लक्ष्य को समय से प्राप्त किया जा सके. काफी विद्यालय में स्मार्ट क्लास की सुविधा भी शुरू की गई है. 900 से ज्यादा स्कूल पीएमश्री योजना में भी अपग्रेड किए जा रहे हैं. ऐसे में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को टैबलेट मिल जाने से डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने में गति मिलेगी.

कार्यक्रम को लेकर महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि मंगलवार को परिषदीय स्कूलों के 75 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा. उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद से एक-एक उत्कृष्ट शिक्षक का इसके लिए चयन किया गया है. वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा 19 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा. शिक्षकों को सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए पहले ही पत्र भेजा जा चुका है.

यूपी के तीन शिक्षकों ने प्रदेश का नाम किया रोशन

इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए घोषित 50 शिक्षकों की सूची में उत्तर प्रदेश से तीन नाम शामिल हैं. इनमें मेरठ के सुधांशु शेखर पांडा, बुलंदशहर के चंद्र प्रकाश अग्रवाल और फतेहपुर की आशिया फारूकी शामिल हैं. शिक्षक दिवस पर पांच सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में इन शिक्षकों को सम्मानित करेंगी.

चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने बदली स्कूल की तस्वीर

चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदशहर जनपद का नाम उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में देश में सुर्खियों में लाने का काम किया है. शिवकुमार जनता इंटर कालेज बुलंदशहर का पहला हाईटेक स्कूल है और यहां बेटियों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है. शिक्षा के क्षेत्र में इस स्कूल का योगदान पूरे बुलंदशहर में सबसे बेहतर है.

विद्यालय में आर्यभट्ट खगोलीयशाला स्थापित की गई है, जिसमें विद्यार्थियों को खगोलीय ज्ञान की जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही विद्यालय की वेबसाइट भी है, जिसमें कई तरह की जानकारी उपलब्ध है. इसके साथ ही पुस्तकालय की किताबें ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए उपलब्ध हैं, जिनका लाभ छात्र छात्राएं उठा रहे हैं.

सुधांशु शेखर बोले- पुरस्कार बेहतर काम करने की है प्रेरणा

मेरठ के केएल इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल सुधांशु शेखर पुरस्कार को बेहतर करने की प्रेरणा मानते हैं. उन्होंने कहा कि 29 वर्षों के दौरान लोगों के सहयोग, शिक्षकों व विद्यार्थियों का योगदान भी इस पुरस्कार में शामिल है. मूलरूप से भुवनेश्वर के रहने वाले सुधांशु के शिक्षण कार्य की शुरुआत मेरठ में ऋषभ एकेडमी से हुई. यहां कुछ समय पढ़ाने के बाद वह इलेक्ट्रा विद्यापीठ में रहे.

दीवान पब्लिक स्कूल में लंबे समय तक शिक्षण कार्य और एकेडमिक कोआर्डिनेटर रहने के बाद इलेक्ट्रा में प्रिंसिपल बने. इसके बाद ट्रांसलेम एकेडमी इंटरनेशनल के प्रिंसिपल बने. यहां दस वर्ष की सेवा के बाद अब केएल इंटरनेशनल स्कूल में प्रिंसिपल के तौर पर कार्यरत हैं.

आशिया ने कड़ी मेहनत बदली स्कूल की तस्वीर, पूरे जनपद में चर्चा

फतेहपुर नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अस्ती की शिक्षिका आशिया फारूकी को 2009 में हथगाम ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बुशहरा में बतौर सहायक शिक्षिका तैनाती मिली. इसके बाद 2016 में उन्होंने नगर क्षेत्र के अस्ती प्राथमिक विद्यालय में बतौर प्रधानाध्यापिका कार्यभार ग्रहण किया. आशिया ने नवाचार के दम पर विद्यालय का कायाकल्प किया. अकेले पांच कक्षाओं का संचालन कर ज्वायफुल लर्निंग से बच्चों में शिक्षा में रुचि पैदा की. इसका परिणाम है कि तीन वर्ष में स्कूल में पंजीकृत बच्चों की संख्या 250 पहुंच गई.

ऑनलाइन प्रक्रिया से हुआ चयन

राष्ट्रपति शिक्षकों को 50,000 रुपये का चेक, एक रजत पदक और प्रमाण पत्र प्रदान करेंगी. पुरस्कारों के लिए शिक्षकों का चयन ऑनलाइन त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया के माध्यम से पारदर्शी तरीके से किया गया है. इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए चुने गए शिक्षकों द्वारा किए गए कार्यों पर शार्ट फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी.

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