CM Yogi Adityanath On Israel Hamas conflict: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी जंग का असर कई देशों में देखने को मिल रहा है. इजरायल में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए जहां ऑपरेशन अजय शुरू हो चुका है, वहीं युद्ध को लेकर उत्तर प्रदेश में भी कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. लोग दो पक्षों में बंट गए हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन और हमास के समर्थन में मार्च निकाला गया. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी घटनाओं को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने इस तरह के प्रकरण पर सख्ती से निपटने का कहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इजरायल-हमास युद्ध में भारत सरकार के स्टैंड के विपरीत किसी भी बयान या गतिविधि पर सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारी के साथ नवरात्रि और अन्य त्योहारों के मद्देनजर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ये निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि इजरायल-फिलिस्तीन के बीच जारी इस युद्ध में भारत सरकार के स्टैंड के खिलाफ किसी भी तरह की कोई गतिविधि न हो. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने और सभी पुलिस कप्तान को अपने-अपने इलाकों में धर्मगुरुओं से तत्काल संवाद करने को कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भारत सरकार के स्टैंड के खिलाफ कोई भी गतिविधी देखी गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोशल मीडिया हो या धर्मस्थल कहीं से भी किसी भी प्रकार का उन्मादी बयान, वक्तव्य जारी नहीं हों. यदि किसी के द्वारा ऐसा करने का कुत्सित प्रयास हो, तो तत्परता के साथ उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए. इजरायल-फिलिस्तीन के बीच जारी युद्ध में देश का एक वर्ग इजरायल के साथ है तो वहीं दूसरा वर्ग फिलिस्तीन का समर्थन कर रहा है. इसी कड़ी में बीते दिनों अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में फिलिस्तीन के समर्थन में एक मार्च निकाला गया था. इस मार्च के दौरान छात्रों ने फिलिस्तीन के समर्थन में नारेबाजी की. छात्रों ने कहा कि एएमयू फिलिस्तीन के साथ खड़ा है. फिलिस्तीन के लोग आजादी की मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें आजादी नहीं दी जा रही है. फिलिस्तीन के लोगों पर जुल्म किया जा रहा है. मानवाधिकार का हनन हो रहा है. भाजपा सांसद ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई.
उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र हमेशा से ऐसा कृत्य करते हैं जिससे देश में नकारात्मक माहौल बने, जबकि प्रधानमंत्री की आतंकविरोधी नीति पूरे विश्व में एक नजीर बनी हुई है. यह कोई नई बात नहीं है. एएमयू का छात्र मन्नान वानी भी इसी मानसिकता के चलते आतंकवादी बना और ढेर कर दिया गया. आज इस्राइल अपनी संप्रभुता की रक्षा कर रहा है और मैं इसका समर्थन करता हूं. मगर छात्र इसका विरोध कर रहे हैं. उधर इस प्रकरण में हमास की इस्राइल में हिंसक कार्रवाई और फिलिस्तीन के समर्थन में उतरने की वजह से एएमयू छात्रों पर एफआईआर दर्ज की गई है.