लखनऊः सीएम योगी ने बुधवार को 1745 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया. उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप और चेक दिए. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि किसी भी राज्य के बोर्ड परीक्षा से सबसे बड़ा बोर्ड उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड है. लगभग 56 लाख छात्र-छात्राएं हर साल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में शामिल होते हैं. मुझे याद है आज से लगभग 6 वर्ष पहले जब बोर्ड की परीक्षाएं होती थी तो नकल के कारण एक तो यूपी बोर्ड बदनाम होता था, दूसरा एक लंबा समय परीक्षाओं में जाता था.
सीएम योगी न कहा कि मैं अक्सर देखता था कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा हो या उच्च शिक्षा में भी तीन महीने तक परीक्षाएं होती थी. दो से तीन महीने रिजल्ट आने में लगते थे. फिर तीन महीने प्रवेश में लगते थे. जिसके कारण 9 महीना पूरा गुजर जाता था. शेष तीन महीने त्यौहारों में गुजर जाते थे. इस दौरान पढ़ाई कब होती थी, यह बहुत कम देखने को मिल पाता था. मैंने विभाग को एक लक्ष्य दिया था कि क्या हम इन परीक्षाओं को और सीमित कर पाएंगे. ये तीन महीने तक चलने वाली परीक्षाएं और तीन महीने बाद आने वाली परिणाम को क्या हम एक महीने तक सीमित कर पाएंगे.
Also Read: सीएम योगी ने दिए 1745 बच्चों को लैपटॉप, मेधावियों को सौंपे पुरस्कार राशि का चेक
परीक्षा का मतलब छात्र-छात्राओं को परेशान करना नहीं होना चाहिए. एक सामान्य मूल्यांकन का आधार होना चाहिए. मूल्यांकन का आधार प्रताड़ना से नहीं. सबसे पहले शर्त नकल विहीन परीक्षा होनी चाहिए. प्रश्नपत्र एक सामान्य प्रकृति का होना चाहिए. जो उसका मूल्यांकन कर सके. इतना कठिन न हो कि जो परीक्षक हो उसे खुद उत्तर न आता हो. अक्सर यही होता है.
सीएम योगी ने बुधवार को लोकभवन में आयोजित मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान एवं टैबलेट वितरण कार्यक्रम कहा कि हमारी सरकार ने छह वर्ष में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के 1.62 लाख से अधिक शिक्षकों की पारदर्शी तरीके से चयन की प्रक्रिया को पूरा किया और उन्हें नियुक्ति पत्र भी दिया. इतने शिक्षकों की सरकारी नियुक्ति कहीं देश भर में नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद ने ऑपरेशन कायाकल्प माध्यम से 1. 33 लाख विद्यालयों को बहुत अच्छा बनाया है.
सीएम योगी ने कहा कि छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए हम दो करोड़ युवाओं को टैबलेट-स्मार्टफोन दे रहे हैं. जिन अभिभावकों, छात्रों के पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं हैं, उसके लिए अभ्युदय कोचिंग की स्थापना की गयी है. इस कोचिंग के माध्यम से इस वर्ष की सिविल परीक्षाओं में 23 बच्चे सेलेक्ट हुए. इसी तरह यूपीपीएससी की परीक्षा में भी 98 छात्र सफल हुए हैं. प्रदेश के बालिकाओं के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना चल रही है. विद्यालयों को इस बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए. जिससे बड़ी संख्या में बालिकाएं इस सुविधा का लाभ ले सकें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को खेलकूद के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. आज स्कूल और कॉलेजों में ड्रॉप आउट रेट कम हुआ है. बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखी गई पुस्तक एग्जाम वॉरियर्स जरूर पढ़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत एक मात्र देश है, जिसने कोरोना चुनौती के बीच भी नए अवसर निकाले हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी उसी दौर का परिणाम है. हमारे शिक्षण संस्थानों को हर हाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करनी चाहिए, जिससे छात्रों का भविष्य उज्ज्वल हो सके.
सीएम योगी ने प्रदेश भर के कुल 1745 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया. मेधावियों को एक लाख रुपये, टैबलेट, मेडल और प्रशस्ति पत्र दिया गया. साथ ही 18 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के भवनों व 125 विज्ञान प्रयोगशालाओं का लोकार्पण भी किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी के अलावा माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, प्रमुख सचिव दीपक कुमार, डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद आदि मौजूद थे.