राजधानी के चर्चित सिटी मोंटेसरी स्कूल (सीएमएस) के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी का 87 वर्ष की उम्र में रविवार की रात करीब 12:30 बजे निधन हो गया. उनके निधन के बाद शोक की लहर दौड़ गई है. वो लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. उनका मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था. परिवार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि 25 दिनों के संघर्ष के बाद आज 22 जनवरी की सुबह 87 वर्ष की आयु में हमारे प्रिय डॉ. जगदीश गांधी का निधन हो गया. गांधी परिवार ने कहा है कि जो लोग उनके अंतिम दर्शन करना चाहते हैं, उनके लिए 23 जनवरी को दोपहर 2.00 से शाम 5.00 बजे तक सीएमएस गोमतीनगर एक्सटेंशन परिसर के ऑडिटोरियम हॉल में उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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बता दें कि डॉ जगदीश गांधी एक प्रखर शिक्षाविद माने जाते हैं. शिक्षा के क्षेत्र में उनका अहम योगदान रहा है. डॉ जगदीश गांधी का जन्म 10 नवम्बर 1936 को अलीगढ़ के बरसौली गांव में हुआ था. उनकी माता बासमती देवी एक धार्मिक महिला थीं. उनके पिता फूलचंद्र अग्रवाल गांव के लेखपाल थे. बचपन से ही उन्हें महात्मा गांधी और राजा महेंद्र प्रताप के जीवन ने काफ़ी प्रभावित किया था. उस समय वे कक्षा 6 के छात्र थे. उसके बाद जगदीश ने अपने पिता की सहमति से स्कूल के प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर अपना नाम ‘जगदीश प्रसाद अग्रवाल’ से बदलकर ‘जगदीश गांधी’ करने का निवेदन किया. डॉ.जगदीश गांधी ने जुलाई 1955 में लखनऊ विश्वविद्यालय में बी.काम में एडमिशन लिया था. विश्वविद्यालय के नजदीक ही गोमती नदी के किनारे बने एक मन्दिर में रहते थे. रोजमर्रा के खर्चे पूरे करने के लिए उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया. इसके बदले में वे बच्चों से रोटी लिया करते थे. साथ ही उन्होंने अखबार बेचकर भी अपनी पढ़ाई और खाने-पीने की व्यवस्था की. साल 1958 में एमकॉम द्वितीय वर्ष के छात्र रहते हुए लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्र संघ के ‘अध्यक्ष’ चुने गए. डॉ.गांधी के आमंत्रण पर छात्र संघ के शपथ ग्रहण समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे.
उन्होंने अपनी पत्नी सात्विक गांधी के साथ सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की नींव रखी. जो अब बहुत लोकप्रिय है और प्रसिद्ध सीएमएस के नाम से भी जाना जाता है. डॉ. जगदीश गांधी ने केवल पांच बच्चों के साथ साल 1959 में सीएमएस स्कूल की शुरुआत की थी. यहां पर पहली कक्षा से बारहवीं तक की पढ़ाई होती है. इस स्कूल के बच्चे हर साल बहुत अच्छा रिज़ल्ट देते हैं. 1999 से दुनिया सबसे बड़े स्कूल का गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड सीएमएस के नाम पर ही है. साल 2002 में यूनेस्को ने डॉ. जगदीश गांधी को ‘अंतर्राष्ट्रीय शांति शिक्षा पुरस्कार’ से सम्मानित किया. साल 2014 में उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसी नागरिक को दिए जाने वाले सर्वोच्च अवॉर्ड यश भारती पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
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जगदीश गांधी के चार बच्चे हैं. इनमें से 3 बेटियां और एक बेटा है. सभी बच्चों की शुरुआती पढ़ाई सीएमएस में हुई और आगे की पढ़ाई इंग्लैंड में हुई. उनके बेटे विनय गांधी की शादी ईरानी मूल की मोना गांधी से हुई है. जगदीश गांधी की सबसे बड़ी बेटी डॉ.सुनीता गांधी वर्तमान में लखनऊ स्थित ‘सिटी इंटरनेशनल स्कूल’ की संचालिका है. डॉ. सुनीता की शादी आइसलैण्ड के सिगिट्रिग्सन के साथ हुई है. उनकी दूसरे नंबर की बेटी सीएमएस की मैनेजिंग कमेटी की अध्यक्ष और एमडी डॉ. गीता गांधी लंदन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. डॉ. गीता के पति डॉ. रोजर डेविड किंगडन साइन्टिस्ट हैं और ब्रिटिश सरकार में उच्च अधिकारी हैं. डॉ.गांधी की छोटी बेटी डॉ. नीता गांधी एमडी हैं और इंग्लैंड में डॉक्टर हैं. उनके पति डॉ. पार्तो फरोही इंग्लैण्ड में कैंसर सर्जन हैं.