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Jyoti Maurya Case: पीसीएस अफसर ज्योति मौर्य की बढ़ेंगी मुश्किलें, लोकायुक्त से शिकायत, पति करेगा मजबूत पैरवी

पीसीएस अफसर ज्योति मौर्य और होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मनीष दुबे के खिलाफ सौंपी गई रिपोर्ट की जहां गहन जांच की जा रही है, वहीं ज्योति मौर्य के खिलाफ शिकायत अब लोकायुक्त तक पहुंच गई है. ये शिकायत पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने की है.

Lucknow: यूपी में पीएसएस अफसर ज्योति मौर्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस मामले में पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर भी सामने आ गए हैं. आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने पीसीएस अफसर ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य के उपलब्ध कराए गए कथित वसूली लिस्ट के संबंध में लोकायुक्त के समक्ष शिकायत की है.

अपनी शिकायत में अमिताभ ठाकुर ने कहा कि आलोक मौर्य ने उन्हें डायरी के कई पन्ने उपलब्ध कराए गए, जिसमें कई हस्तलिखित एंट्री हैं. इन एंट्री में विभिन्न मदों में तथा विभिन्न व्यक्तियों के साथ लेनदेन की बातें अंकित हैं.

आलोक मौर्य के अनुसार ये सारी एंट्री ज्योति मौर्य की नौकरी में प्राप्त अनुचित धन के लेनदेन से संबंधित हैं जो स्वयं उनके द्वारा लिखी गई हैं. इन पन्नों पर ऊपर शुभ लाभ लिखा है. जहां ‘एल’ लिखा हुआ है उसका मतलब लाख से है और यहां ‘टी’ लिखा हुआ है उसका मतलब हजार से है.

अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उन्होंने कई बार इस संबंध में शासन को शिकायत की. लेकिन, इतने गंभीर मामले में भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने लोकायुक्त के समक्ष शिकायत की है.

इस बीच पंचायत राज विभाग के सफाईकर्मी आलोक मौर्य ने मुकदमे की पैरवी के लिए एक सप्ताह की छुट्टी ली हुई है, जिससे 18 जुलाई को वह अपना पक्ष मजबूती से रख सकें. आजमगढ़ के रहने वाले आलोक मौर्य अपने परिवार के साथ 20 वर्षों से प्रयागराज के झलवा में रहते हैं.

सफाईकर्मी आलोक की तैनाती विहार विकास खंड के गोगौर ग्राम पंचायत में है. आलोक ने मुकदमे की पैरवी के लिए ग्राम प्रधान नवीन सिंह पिंटू से एक सप्ताह का अवकाश लिया हुआ है. आलोक ने बताया कि 18 जुलाई को मुकदमे की तारीख लगी हुई है. वह मजबूती के साथ पैरवी करने में लगा है. अनहोनी की आशंका को देखते हुए अब वह परिवार से दूर कमरा किराए पर लेकर रहने को विवश है.

आलोक ने बताया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण वह अभी कुछ नहीं बोलेगा. जिस ज्योति के लिए उसने अपनी जिंदगी दांव पर लगाई, आज वही उसके जीवन में उथल पुथल मचाकर बदनाम कर रही है.

इससे पहले, सफाई कर्मी पति आलोक कुमार मौर्य से विवाद मामले में 11 जुलाई को प्रयागराज फैमिली कोर्ट में सुनवाई के दौरान ज्योति मौर्या हाजिर नहीं हुईं. उनके वकील ने हाजिरी माफी की अर्जी कोर्ट में दी, जबकि ज्योति के पति आलोक मौर्य न्यायालय मे हाजिर हुए थे. अब इस मामले में 18 अगस्त को सुनवाई पर लोगों की नजरें टिकी हुई हैं.

उधर इस प्रकरण में ज्योति मौर्य के पति आलोक के आरोपों के बाद होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे विवादों में हैं. प्रकरण में होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ सौंपी गई जांच रिपोर्ट का शासन में परीक्षण हो रहा है. हालांकि अभी तक मामला किसी नतीजे तक नहीं पहुंचा है. कुछ तथ्यों को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है. इसकी वजह से परीक्षण में तमाम खामियां सामने आ रही हैं.

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बताया जा रहा है कि इन खामियों और उसके कारण हो रही दुविधा की वजह से ही कमांडेंट के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया जा सका है. सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट पर विधिक राय लिए जाने की तैयारी है. इसके आधार पर सरकार कार्रवाई करेगी. होमगार्ड कमांडेंट पर महिला पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के पति द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद मामले की जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी जा चुकी है.

महिला अधिकारी से करीबी रिश्तों और उसके पति की हत्या के षड्यंत्र समेत अन्य तथ्यों की जांच की गई थी. डीआईजी होमगार्ड, प्रयागराज रेंज की रिपोर्ट में दोषी पाए गए कमांडेंट के विरुद्ध होमगार्ड मुख्यालय से निलंबन व विभागीय कार्यवाही की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी.

इसके साथ ही महिला अधिकारी के पति की हत्या के षड्यंत्र के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच किए जाने की बात भी कही गई थी. कहा जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में इसे लेकर कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं दिया गया. जो साक्ष्य दिए गए हैं, उनका फॉरेंसिक परीक्षण कराए बिना किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता.

इस संबंध में कुछ वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कमांडेंट की पत्नी ने उनके खिलाफ उत्पीड़न के जो आरोप लगाए हैं, उसे लेकर भी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है. कमांडेंट और उनकी पत्नी के बीच विवाद को लेकर कोर्ट में तलाक का वाद दायर है.

दो वर्ष पहले मनीष दुबे से विवाह करने वाली लखनऊ की युवती ने डीआईजी को दिए अपने बयान में दहेज मांगने का आरोप लगाया है. अधिकारियों के मुताबिक विवाह के एक माह बाद ही अदालत में तलाक का मुकदमा दायर कर दिया गया था. ऐसे में दहेज मांगने के आरोप का अब संज्ञान लेना विधिक रूप से उचित नहीं है. इसके साथ ही महिला पीसीएस अधिकारी का भी अपने पति से पुराना विवाद है. इन स्थितियों के मद्देनजर शासन स्तर पर अभी कोई निर्णय नहीं किया जा सका है.

दरअसल होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे पर बरेली में तैनात रहने के दौरान एक महिला पीसीएस अधिकारी से करीबी रिश्ते होने का गंभीर आरोप लगा था. यह आरोप महिला अधिकारी के पति ने लगाया था. उसने पत्नी और कमांडेंट पर मिलकर उसकी हत्या की साजिश रचे जाने की आशंका भी जताई थी. महिला अधिकारी के पति ने कई साक्ष्यों को सार्वजनिक भी किया था.

होमगार्ड मुख्यालय ने इसकी जांच डीआईजी संतोष कुमार सिंह को सौंपी थी. जांच में दोषी पाए गए कमांडेंट के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की गई है. जांच रिपोर्ट में महिला अधिकारी व कमांडेंट के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग को शामिल किया गया है. इसमें कमांडेंट कहते हैं, ‘क्यों न उसे बीच से हटा दें. हमें बार-बार डिस्टर्ब कर रहा है’.

इसके बाद महिला पीसीएस अधिकारी अपने पति का नाम लेती है, जिस पर कमांडेंट हामी भरते हैं. वह कहते हैं कि कहानी ही खत्म कर देते हैं. इन तथ्यों की पुलिस जांच में कमांडेंट की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. हालांकि इस रिकॉर्डिंग में आवाज वास्तव में होमगार्ड कमांडेंट और महिला पीसीएस अधिकारी की है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है.

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