लखनऊ. आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है. कांग्रेस अपनी महासचिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी से मुक्तकर राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. अगर सब कुछ पार्टी थिंक टैंक के अनुसार हुआ तो कांग्रेस जल्दी ही इसकी घोषणा कर देगी. यूपी की प्रभारी महासचिव को लेकर कांग्रेस थिंक टैंक का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी ( प्रियंका गांधी ) की उपस्थिति केवल एक राज्य तक सीमित नहीं होनी चाहिए. हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में जीत से पार्टी का मनोबल बढ़ा है। राहुल और प्रियंका दोनों ने दोनों राज्यों में जोरदार प्रचार किया था.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा हमेशा एक बड़ी भूमिका की हकदार थी. हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय राहुल गांधी के अमेरिका दौरे से भारत लौटने के बाद ही लिया जाएगा. कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि सभी ने देखा कि कैसे राहुल गांधी के साथ प्रियंका वाड्रा ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में रैलियां कीं और प्रचार किया. परिणाम वहां कांग्रेस की जीत के रूप में सामने आया है. सूत्रों ने कहा कि प्रियंका अब मध्य प्रदेश में एक आक्रामक अभियान शुरू करने की योजना बना रही हैं, जहां इस साल के अंत में चुनाव भी होंगे.
एक अन्य सूत्र ने कहा कि यूपी को लेकर प्रियंका की भूमिका इस बात पर निर्भर करेगी कि विपक्षी दलों का गठबंधन कैसे बनता है. अगर कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ गठबंधन में यूपी में चुनाव लड़ती है, तो प्रियंका यूपी प्रभारी की भूमिका छोड़ सकती हैं और अन्य राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं, लेकिन अगर पार्टी लोकसभा चुनावों में अकेले उतरती है तो चीजें अलग हो सकती हैं. उनका इशारा था कि कांग्रेस अकेली लड़ी तो यूपी के लिए सबसे प्रभावी चेहरा प्रियंका ही होंगी. प्रियंका को यूपी की भूमिका से मुक्त किया जाता है, तो उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत, अनुभवी तारिक अनवर, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जीतेंद्र सिंह और दीपेंद्र हुड्डा में से कोई एक उनकी जगह यूपी में कांग्रेस का बड़ा चेहरा होगा.