Coronavirus in UP: कोरोना वायरस के 109 नये मामले, सूबे में बुजुर्ग 8% संक्रमित, संक्रमित पुरुषों की संख्या महिलाओं के करीब चार गुना
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के 109 नये मामले सामने आये हैं. इसके साथ सूबे में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 3573 हो गयी है. हालांकि, इन मरीजों में से 1758 मरीज ठीक भी हो चुके हैं. नये मामलों में से आगरा से सबसे ज्यादा 14 और मेरठ से 13 मामले सामने आये हैं.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के 109 नये मामले सामने आये हैं. इसके साथ सूबे में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 3573 हो गयी है. हालांकि, इन मरीजों में से 1758 मरीज ठीक भी हो चुके हैं. नये मामलों में से आगरा से सबसे ज्यादा 14 और मेरठ से 13 मामले सामने आये हैं.
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कहा, ”60 साल से ऊपर के लोग कुल मामलों में 8.1 प्रतिशत हैं.” उन्होंने कहा, ”40 से 60 वर्ष आयु के लोगों के 25.5 प्रतिशत, 20 से 40 वर्ष के 48.7 प्रतिशत और 20 वर्ष से कम आयु के 17.7 प्रतिशत मामले हैं.” उन्होंने बताया कि संक्रमित पुरुषों का प्रतिशत 78.5 है, जबकि महिलाओं की संख्या 21.5 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि जो लोग ‘आरोग्य सेतु’ ऐप का लगातार उपयोग कर रहे हैं, उनके लिए जो भी अलर्ट आ रहे हैं, हम उन्हें भेज रहे हैं. एक समानांतर व्यवस्था भी की गयी है. जो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हैं, उन्हें लगातार हमारे नियंत्रण कक्ष से फोन किया जा रहा है. अब तक 2058 ऐसे लोगों को फोन किया जा चुका है. इनमें से नौ कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. इस समय उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
प्रमुख सचिव ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर खांसी, सांस लेने में दिक्कत या बुखार जैसे लक्षणों की सलाह ले सकते हैं. जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ बतायेंगे कि जांच कराइये. अगर संक्रमण पाया गया, तो चिकित्सा की व्यवस्था भी होगी. जांच और चिकित्सा की व्यवस्था सरकार की ओर से मुफ्त की गयी है. उन्होंने कहा कि इस समय बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार प्रदेश में आ रहे हैं. ऐसे प्रदेशों से भी कामगार आ रहे हैं, जहां ये संक्रमण फैला हुआ है. कुछ लोगों के संक्रमित होने की सूचना भी आ रही है. सार्वजनिक निगरानी का मॉडल का सही उपयोग होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि गांवों में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में ग्राम निगरानी समितियां और शहरों में सभासद की अध्यक्षता में मोहल्ला निगरानी समितियां बनायी गयी हैं. इन्हें मजबूती से काम करना है, ताकि जो भी बाहर से आ रहे हैं, वे घर पर पृथक रहने के दौरान नियमों का कड़ाई से पालन करें. साथ ही जिन लोगों में लक्षण दिखें, उनका परीक्षण करा कर अस्पतालों में भर्ती कराया जाये.
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर संक्रमण नहीं है, इसके बावजूद सात दिन पृथक रह कर, फिर परीक्षण कराएं और 14 दिन घर पर पृथकवास में रहें. कोई भी प्रवासी रेलवे स्टेशन से सीधे घर नहीं भेजा जायेगा. पहले आश्रय स्थल ले जायेंगे. लक्षण रहित होने पर 21 दिन के घर पर पृथक रखा जायेगा. ऐसे में सार्वजनिक निगरानी अत्यंत आवश्यक है.