मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में कोविड-19 से संक्रमित पाए गए तीन मरीजों का पता नहीं लगाया जा सका है, क्योंकि उन्होंने नमूना संग्रह के दौरान अपने बारे में फर्जी जानकारी और गलत फोन नंबर दिए थे. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उनमें से दो ने यहां एक अस्पताल के कर्मचारी होने का दावा किया था जबकि तीसरे व्यक्ति ने गलत पता दिया था.
अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों की टीम शुक्रवार को साकेत कॉलोनी गयी थी और दो अन्य संक्रमितों को इलाज के लिए लाने के मकसद से शनिवार को उनके बताये गये अस्पताल में गयी थीं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण चोपडा ने कहा कि उन्होंने फर्जी जानकारी प्रदान की थी. अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी होने का दावा करने वालो दोनों व्यक्तियों में शनिवार को कोरोनो वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी वहीं एक अन्य व्यक्ति शुक्रवार को संक्रमित पाया गया था.
अधिकारियों ने कहा कि जिले के अधिकारियों ने तीनों लोगों का पता लगाने के लिए तलाश शुरू की है. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के बाद, अधिकारियों ने नमूना संग्रह के दौरान पते के लिए आधार कार्ड की जांच करने का निर्णय लिया है.
उत्तर प्रदेश के शामली जिले में 23 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने से जिले में इस समय इलाज करा रहे कोविड-19 के मरीजों की संख्या 150 हो गयी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से एक मौत भी हुई है, जिससे मृतकों की संख्या अब 15 हो गयी है.
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने कहा, ‘‘23 लोगों की जांच में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है. उनकी रिपोर्ट शनिवार शाम को आयी. इसी दिन छह मरीज बीमारी से ठीक हुए.” अधिकारियों ने बताया कि थानाभवन कस्बे की एक महिला की शनिवार को एक अस्पताल में संक्रमण से मौत हो गयी, जिससे जिले में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गयी.
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