कोरोना महामारी के बीच यूपी के स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा का आदेश अव्यावहारिक और अदूरदर्शितापूर्ण कदम : अखिलेश
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा दिलाने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को अव्यावहारिक और अदूरदर्शितापूर्ण कदम करार दिया है. अखिलेश यादव ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा कि भाजपा ने जिस तरह बिना तैयारी के नोटबंदी और जीएसटी लागू किये, वैसे ही छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था के परिणाम अच्छे नहीं आ रहे हैं.
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा दिलाने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को अव्यावहारिक और अदूरदर्शितापूर्ण कदम करार दिया है. अखिलेश यादव ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा कि भाजपा ने जिस तरह बिना तैयारी के नोटबंदी और जीएसटी लागू किये, वैसे ही छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था के परिणाम अच्छे नहीं आ रहे हैं.
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘यह अव्यावहारिक और अदूरदर्शितापूर्ण कदम है.” उन्होंने कहा, ‘‘ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था कम्प्यूटर, लैपटाप या स्मार्टफोन के बगैर चलने वाली नहीं है. प्रदेश में केवल 27 प्रतिशत बच्चों के पास ही लैपटाप या स्मार्टफोन है. वाईफाई सुविधा भी नहीं है. आधे से ज्यादा बच्चों को बिजली भी उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा इंटरनेट कनेक्शन की सुस्त चाल भी बहुत बड़ी समस्या है.
अखिलेश यादव ने कहा, विद्यार्थियों के सामाजिक-आर्थिक स्तर में बहुत अंतर है जिससे ऑनलाइन शिक्षा सबके लिए सुगम नहीं है.” सपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा सरकार ने भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर छात्र-छात्राओं को 18 लाख लैपटाप बांटे थे, तब भाजपा के लोग इसका मजाक उड़ाते थे, आज वे ही लैपटॉप बुनियादी जरूरत बन गए हैं.
सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भाजपा संस्कृत और संस्कृति की गौरवशाली परम्परा की बातें तो बहुत करती है, मगर हकीकत में भाजपा सरकार संस्कृत विद्यालयों की निरन्तर उपेक्षा कर रही है. अब भाजपा सरकार इन्हें बंद करने जा रही है. इनमें अध्यापन करा रहे प्रकाण्ड विद्वानों एवं अध्ययनरत छात्रों के भविष्य को देखते हुए उनके समुचित समायोजन पर ध्यान देना चाहिए.”
Upload By Samir Kumar